ज्यादा दूर नहीं है यह जगह। इलाहाबाद की सहसों तहसील में है। तेलियरगंज, इलाहाबाद (जिसके पास फाफामऊ पुल है) से चार-पांच किलोमीटर दूर होगी। शरीर और मौसम दुरुस्त हो तो पैदल दबाया जा सकता है। मौसम तो दुरुस्त था, पर मेरा शरीर उतना नहीं। अत: पैदल नहीं वाहन से गया। वापसी में जरूर फाफामऊ केContinue reading “पंड़िला महादेव”
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देव दीपावली की सुबह और कोहरा
कल कार्तिक पूर्णिमा थी। देव दीपावली का स्नान था घाट पर। सामान्य से अधिक स्नानार्थियों की भीड़। पर कोहरा बहुत घना था। कछार की माटी/रेत पर मोटी परत सा फैला था। घाट की सीढ़ियों से गंगामाई की जल धारा नहीं दीख रही थी। लोग नहाने के लिये आ जा रहे थे, लगभग वैसे ही जैसेContinue reading “देव दीपावली की सुबह और कोहरा”
सीता से ब्याह रचइओ, हो राम, जब जइयो जनकपुर में!
आज डाला छठ मनाने के बाद स्त्रियों का एक झुण्ड लौट रहा था। आगे एक किशोर चल रहा था प्रसाद की डलई उठाये। औरतें समवेत गा रही थीं मधुर स्वरों में – सीता से ब्याह रचइओ, हो राम, जब जइयो जनकपुर में! दीपावली के बाद आती है यह छठ। और दीपावली जहां नकली लाइटों, पटाखोंContinue reading “सीता से ब्याह रचइओ, हो राम, जब जइयो जनकपुर में!”
