कल प्रेमसागर नर्मदा के उस स्थान पर स्नान कर आये जहां मध्यप्रदेश, महाराष्ट और गुजरात की सीमायें मिलती हैं। ट्रिपल स्टेट बॉर्डर। नर्मदा किनारे पहाड़ियां थीं। जल राशि खूब और स्वच्छ। लगभग निर्जन क्षेत्र।
Category Archives: प्रवीण चन्द्र दुबे
सहस्त्रार्जुन की राजधानी माहिष्मती (माहेश्वर)
लम्बी चौड़ी योजना बनाने वाला (पढ़ें – मेरे जैसा व्यक्ति) यात्रा पर नहीं निकलता। यात्रा पर प्रेमसागर जैसा व्यक्ति निकलता है जो मन बनने पर निकल पड़ता है। सो, प्रेमसागर मन बनने के साथ ही आगे की लम्बी यात्रा पर निकल पड़ेंगे।
बडवाह से माहेश्वर
नवम्बर का महीना और नदी घाटी का इलाका; कुछ सर्दी तो हो ही गयी होगी। आसपास को देखते हुये प्रेमसागर ने बताया कि दोनो ओर उन्हें खेती नजर आती है। जंगल नहीं हैं। गांव और घर भी बहुत हैं। लोग भी दिखाई देते हैं। रास्ता वीरान नहीं है।
