स्किट्जो़फ्रेनिया के ध्रुव


हिन्दी ब्लॉगरी और काफी सीमा तक भारतीय समाज में संकुचित सोच के दो ध्रुव नजर आते हैं। एक ध्रुव यह मानता है कि सेन्सेक्स उछाल पर है। भारत का कॉर्पोरेट विकास हो रहा है। भारत विश्व शक्ति बन रहा है। देश को कोई प्रगति से रोक नहीं सकता। दूसरा ध्रुव जो ज्यादा सिनिकल है, मानताContinue reading “स्किट्जो़फ्रेनिया के ध्रुव”

जमीन, भैंसें और शिलिर-शिलिर परिवर्तन


मेरे घर के आसपास गाय भैंस पालने वाले रहते हैं। पिछली मुलायम सिंह सरकार के थोक वोटबैंक थे यह। उस दौरान कई सरकारी नौकरी पा गये और सभी ने शिवकुटी मेला क्षेत्र की जमीन लेफ्ट-राइट-सेण्टर हड़पी। कई अपनी दुकाने अधिकृत-अनाधिकृत तरीके से खोल कर जीवन यापन करने लगे। उनका जीवन स्तर गंवई, श्रमिक या निम्नContinue reading “जमीन, भैंसें और शिलिर-शिलिर परिवर्तन”

टॉवर, व्यक्तिगत जमीन और स्थानीय शासन


कल मेरे एक पुराने मित्र मुझसे मिलने आये। उनका विभाग ग्रामीण इलाके में खम्भे और तार लगा रहा है। उनकी समस्या यह है कि गांव के लोग अपने खेत में टॉवर खड़ा नहीं करने दे रहे।1 टॉवर खड़ा करना जमीन अधिग्रहण जैसा मामला नहीं है। इण्डियन टेलीग्राफ एक्ट की धाराओं के अनुसार किसी भी जमीनContinue reading “टॉवर, व्यक्तिगत जमीन और स्थानीय शासन”

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