रेल माल-यातायात का रोचक प्रकार


चूंकि मैं आजकल रेलवे में माल यातायात का प्रबन्धन देख रहा हूं और नित्यप्रति की ४००-४५० माल गाड़ियों का आदान-प्रदान देखता हूं उत्तर-मध्य रेलवे पर, मैं एक एक ट्रेन का ध्यान नहीं रख सकता कि किस मालगाड़ी में कहां से कहां के लिये क्या जा-आ रहा है। मोटे तौर पर यातायात का स्ट्रीम स्पष्ट होताContinue reading “रेल माल-यातायात का रोचक प्रकार”

ट्रैक्टर ट्रॉली का जू-जू


ट्रैक्टर और ट्रॉली का युग्म मुझे हाथी की तरह एक विचित्र जीव नजर आता है। हाथी में हर अंग अलग-अलग प्रकार का नजर आता है – एक लटकती सूंड़, दो तरह के दांत, भीमकाय शरीर और टुन्नी सी आंखें, जरा सी पूंछ। वैसे ही ट्रैक्टर-ट्रॉली में सब कुछ अलग-अलग सा नजर आता है। मानो फॉयरफॉक्सContinue reading “ट्रैक्टर ट्रॉली का जू-जू”

राजाराम मांझी


डा. एन के कल्ला नाम तो ऐसा लग रहा है जैसे कोई स्वतंत्रता सेनानी हो। जैसे तिलका मांझी। मैं इन सज्जन पर न लिखता अगर डा. एन के कल्ला ने एक रेखाचित्र बना कर मेरी ओर न सरकाया होता। डा. कल्ला हमारे चीफ मैडिकल डायरेक्टर हैं। हम उत्तर-मध्य रेलवे की क्षेत्रीय उपभोक्ता सलाहकार समिति कीContinue reading “राजाराम मांझी”

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