नदी के और मन के लैगून


लैगून (lagoon)  को क्या कहते हैं हिन्दी में? कामिल-बुल्के में शब्द है समुद्रताल। समुद्र के समीप वह  उथला जल जो सब ओर से धरती से घिरा हो – वह लैगून है। इसी तरह नदी/गंगा का पानी पीछे हटते समय जो उथले जल के द्वीप बना देता है उसे लैगून कहा जायेगा या नहीं? मैं बहुधाContinue reading “नदी के और मन के लैगून”

कल्लू ने मटर बोई है!


कछार में इस पार लोग सब्जियां लगाते थे। हाथ से ही गड्ढा खोदते, बीज डालते और खाद-पानी देते थे। पिछली बरस कल्लू-अरविन्द और उसके पिताजी को डीजल जेनरेटर/पम्पिंग सेट के माध्यम से गंगाजी का पानी इस्तेमाल कर सिंचाई करते देखा था। इस साल देखा कि उनके कुछ हिस्से में ट्रैक्टर से गुड़ाई कर कुछ बीजContinue reading “कल्लू ने मटर बोई है!”

देव दीपावली की सुबह और कोहरा


कल कार्तिक पूर्णिमा थी। देव दीपावली का स्नान था घाट पर। सामान्य से अधिक स्नानार्थियों की भीड़। पर कोहरा बहुत घना था। कछार की माटी/रेत पर मोटी परत सा फैला था। घाट की सीढ़ियों से गंगामाई की जल धारा नहीं दीख रही थी। लोग नहाने के लिये आ जा रहे थे, लगभग वैसे ही जैसेContinue reading “देव दीपावली की सुबह और कोहरा”

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