आप तो बिल्कुल खतम आदमी हैं!


शिव कुमार मिश्र ने मुझे एस.एम.एस. किया है कि कल रात एक गायन प्रतियोगिता में बप्पी लाहिड़ी ने एक प्रतियोगी से कहा – यू आर ए फ़िनिश्ड सिन्गर. और फ़िर हिन्दी में जोड़ा – तुम बहुत जल्दी फ़ेमस बनेगा. इसका हिन्दी अनुवाद करें तो कुछ ऐसा होगा – तुम तो बिल्कुल खतम गायक हो औरContinue reading “आप तो बिल्कुल खतम आदमी हैं!”

फिर हिन्दी पर चलने लगे तीर (या जूते!)


‘हिंदी एक बीमार भाषा है। क्‍योंकि इसका मुल्‍क बीमार है। अस्‍सी फीसदी नौजवान हाथ बेकार हैं। प्रोफेसर और दूसरे कमाने वालों को बैंक का ब्‍याज चुकाना है, वे ट्यूशन पढ़ा रहे हैं, कमाई का अतिरिक्‍त ज़रिया खोज रहे हैं। वे क्‍यों पढ़ेंगे किताब? आपकी किताब उन्‍हें दुष्‍चक्र से बाहर निकलने का रास्‍ता नहीं दिखा रही।‘Continue reading “फिर हिन्दी पर चलने लगे तीर (या जूते!)”

कुछ सफल और आत्म-मुग्ध (हिन्दी ब्लॉगर नहीं) लोग!


मेरा लोगों से अधिकतर इण्टरेक्शन ज्यादातर इण्टरकॉम-फोन-मीटिंग आदि में होता है. किसी से योजना बना कर, यत्न कर मिलना तो बहुत कम होता है. पर जो भी लोग मिलते है, किसी न किसी कोण से रोचक अवश्य होते हैं. अधिकतर लोग मेरे मुख्यालय में सोमवार की महाप्रबन्धक महोदय की रिव्यू मीटिंग में मिलते हैं. येContinue reading “कुछ सफल और आत्म-मुग्ध (हिन्दी ब्लॉगर नहीं) लोग!”

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