बारिश का समय गया। अंतिम बार बारिश हुये लगभग दो सप्ताह होने को आया। गंगामाई पीछे हटी हैं। इस बार पीछे हटते समय खालिस रेत नहीं, बहुत सी मिट्टी ला दी है उन्होने घाट पर। लगभग 300-400 कदम जमीन जो छोड़ी है उन्होने, उसमें मिट्टी की मात्रा अधिक होने के चलते काफी दलदल है। वहContinue reading “चिलुआ”
Category Archives: Environment
दामोदर तीरे विवस्वान।
झारखण्ड की नदी है दामोदर। सूर्य उसके पूर्वी छोर पर उगते रहे होंगे आदि काल से। उसी नदी के किनारे है एक बनता हुआ मन्दिर परिसर। वर्तमान समय में सूर्य का मुण्डन संस्कार हुआ वहां! सूर्य यानी विवस्वान। विवस्वान यानी नत्तू पांड़े। पिछले महीने दो साल के हुये थे तो तय पाया गया था किContinue reading “दामोदर तीरे विवस्वान।”
आंधी के बाद – यथावत
कल आंधी थी कछार में। आज सब यथावत हो गया था। सूर्य चटक केसरिया रंग में थे। आज थोड़ा मेक-अप के साथ चले थे यात्रा पर। चींटों को देखा तो रेत में अपनी बिल संवारने में जुट गये थे। मुझे देख शर्मा गये। बिल में यूं गये कि काफी इंतजार के बाद भी नहीं निकले।Continue reading “आंधी के बाद – यथावत”
