कल्लू की मटर बेकार हो गयी थी। पर बगल में जो सरसों बोई थी, वह बढ़िया हुई। आज होली के दिन सवेरे घूमने गया तो देखा कि सरसों काट कर गट्ठर खेत में रखे हैं। खेत के आकार के हिसाब से ठीकठाक निकल आयेगी सरसों। इनकी सिंचाई के लिये गंगाजी का पानी नहीं, शिवकुटी, चिल्लाContinue reading “कछार रिपोर्ताज”
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सब्जियां निकलने लगी हैं कछार में
गंगाजी का पानी क्वार के महीने में उतरता है। कार्तिक में दीपावली के बाद चिल्ला वाले शिवकुटी के कछार में खेती प्रारम्भ करते हैं सब्जियों की। कुछ लोग गेहूं, सरसों की भी खेती करते हैं। काफी श्रमसाध्य काम है यह। गंगाजी की लाई मिट्टी की परत से जो परिवर्तन होता है, वह शुरू में धीमाContinue reading “सब्जियां निकलने लगी हैं कछार में”
महाशिवरात्रि की भीड़
हर हर हर हर महादेव! कोटेश्वर महादेव का मन्दिर पौराणिक है और वर्तमान मन्दिर भी पर्याप्त पुराना है। शिवकुटी में गंगा किनारे इस मन्दिर की मान्यता है कि भगवान राम ने यहां कोटि कोटि शिवलिंग बना कर शिवपूजन किया था। पास में है शिवजी की कचहरी, जहां अनेकानेक शिवलिंग हैं। यहां मुख्य शिवलिंग के पीछेContinue reading “महाशिवरात्रि की भीड़”
