सुपरलेटिव्स का गोरखधन्धा


  सूपरलेटिव स्प्रिंकल्ड अखबार बहुत पहले मेरे जिम्मे रेल मण्डल स्तर पर मीडिया को सूचना देने का काम था। मैने पाया कि जबानी बात सही सही छपती नहीं थी। लिहाजा मैने ३०० शब्दों की प्रेस रिलीज स्वयं बनाने और खबर बनाने की समय सीमा के पहले अखबारों के दफ्तरों तक पंहुचवाने का इन्तजाम कर लियाContinue reading “सुपरलेटिव्स का गोरखधन्धा”

अगली पोस्ट का टॉपिक?


कल शाम डा. अनुराग टिप्पणी करते है – अभी इतना सब कुछ पढने के बाद सोच रहा हूँ की अगली पोस्ट किस पर डालेंगे सर जी? एक मक्खी पर आप ने ढेरो लोगो को भिड़ा दिया ओर ख़ुद मजे ले रहे है? धन्य हो सर जी धन्य हो? ओह, इतना नॉन-ईश्यू पर लिख रहा हूं?Continue reading “अगली पोस्ट का टॉपिक?”

सर्च इंजन से पंहुचते पाठक


स्टैटकाउण्टर अब बताता है कि लगभग दो तिहाई पाठक मेरे ब्लॉग पर या तो सर्च इंजन के माध्यम से आ रहे हैं या सीधे। मैं इस सूचना को उचित परिपेक्ष्य में नहीं ले पा रहा। अभी भी हिन्दी शब्दों का सर्च इण्टरनेट पर बहुत कम है। मैं स्वयम भी जितना सर्च अंग्रेजी के शब्दों केContinue reading “सर्च इंजन से पंहुचते पाठक”

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