श्री बुध प्रकाशजी के पूर्वजों की एक पीढ़ी


श्री बुध प्रकाश मेरे जोनल रेलवे (उत्तर मध्य रेलवे) के महाप्रबंधक हैं। सामान्यत: मैं उनपर नहीं लिखता – कि वह कहीं उनकी चाटुकारिता में लिखा न प्रतीत हो। पर वे ३१ दिसम्बर को रिटायर होने जा रहे हैं और ऐसा कोई मुद्दा शेष नहीं है जिसमें मुझे उनकी चाटुकारिता करने की आवश्यकता हो। इसके अलावाContinue reading “श्री बुध प्रकाशजी के पूर्वजों की एक पीढ़ी”

रेल कर्मी और बैंक से सेलरी


जब से रेलवे की स्थापना हुयी है, रेल कर्मियों की सेलरी (मासिक तनख्वाह) बांटने का काम कैश ऑफिस के कर्मी करते रहे हैं। जब मैने रेलवे ज्वाइन की थी तब मुझे भी तनख्वाह कैश में मिलती थी। डिविजनल पेमेण्ट कैशियर (डीपीसी)1 आता था नियत दिन पर और हम सभी नये रेल अधिकारी रेलवे स्टॉफ कॉलेजContinue reading “रेल कर्मी और बैंक से सेलरी”

घना कुहासा – एक सूचना


सवेरे सवेरे मेरे गाड़ी-नियन्त्रण कक्ष ने सूचना दी कि गाजियाबाद-कानपुर-झांसी रेल खण्ड में घना कुहासा है। आगरा-बांदीकुई और मथुरा-पलवल खण्ड में भी यही हालत है। कुहासा होने की दशा में ट्रेनें धीमी (सुरक्षित) गति से चलती हैं। स्टेशन के पहले पटरी पर पटाखे लगाये जाते हैं, जिससे उसकी ध्वनि से ट्रेन चालक सतर्क हो जायेContinue reading “घना कुहासा – एक सूचना”

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