कल्लू के उद्यम


बहुत दिनों बाद कल्लू दिखा कछार में। गंगा दशहरा के पहले ही उसके खेतों का काम धाम खत्म हो गया था। अब वह सरसों के डण्ठल समेटता नजर आया। उसके साथ दो कुत्ते थे जो कछार में चरती भैसों को भौंक कर भगा रहे थे। लोग स्नान कर आ जा रहे थे। मुझे कल्लू काContinue reading “कल्लू के उद्यम”

गंगा दशहरा


आज जेष्ठ शुक्ल दशमी है। गंगा दशहरा। आज के दिन गंगाजी का धरती पर अवतरण हुआ था। अवतरण से ले कर आज की दुर्दशा वाली स्थिति तक गंगामाई में बहुत जल बहा है। एक महान सभ्यता और एक महान धर्म की धुरी रही हैं वे। आज भी उनकी कृपा से हम सभी अपना जीवन चलाContinue reading “गंगा दशहरा”

अनिल की इस साल की उपज


आज शाम रविवार होने के कारण गंगातट पर चला गया। शाम को लोग ज्यादा होते हैं वहां और रविवार के कारण और भी थे। कोटेश्वर महादेव पर सब्जियां बिक रही थीं। कछार की निकली – नेनुआ, लौकी, कोन्हड़ा, छोटा तरबूज, करेला, ककड़ी  … घाट पर एक परिवार देखा जो उसपार से कई बोरे नाव सेContinue reading “अनिल की इस साल की उपज”

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