मेरा हिन्दी का ब्लॉग मानसिक हलचल (halchal.blog) मुख्यतः भारत, अमेरिका, सिंगापुर और कुछ यूरोपीय देशों में पढ़ा जाता है.
हिन्दी ब्लॉगिंग के स्वर्णिम दौर में मैं छोटे ब्लॉगिंग दायरे में प्रसन्न था. बाद में मेरे कुछ ब्लॉग मित्र पुस्तक ठेलने में लग गए. मुझे भी बहुत से मित्रों ने कहा कि वह करूँ. अनूप शुक्ल जी तो बहुत कहते रहे, अभी भी कहते हैं, पर वह मैं कर नहीं पाया.

मैं भी सोचता था कि ब्लॉग की पुरानी पोस्टों में ही इतना कन्टेन्ट है कि एक दो पूरे आकार की पुस्तकें उसमें से मूर्त रूप ले सकती हैं. कई बार गंभीरता से सोचा भी. पर कुल मिला कर अपने को ब्लॉगर से पुस्तक लेखक के रुप में रूपांतरित नहीं कर पाया. शायद पुस्तक लिखने के बाद उसका प्रकाशक तलाशने और उसकी बिक्री की जद्दोजहद करने का मुझमें माद्दा नहीं था/है. या फिर यह शुद्ध आलस्य ही है.
Continue reading “अपने ब्लॉग, मानसिक हलचल, पर सोच विचार”