स्कूल बंद हैं; पढ़ाने का जिम्मा दादाजी का हो गया है।


कोरोना काल में इस बूढ़ी पीढ़ी के पास एक काम आ गया है। और वह काफी मेहनत से उसे करती दिखती है। … जय हो, इन दादाजी की!