छत्तीस क्विण्टल शहद का उत्पाद। एक कच्ची गणना से मैं अनुमान लगा लेता हूं कि गांव के रहन सहन के हिसाब से यह सम्मानजनक मध्यवर्गीय व्यवसाय है। एक रुटीन नौकरी से कहीं अच्छा विकल्प। और भविष्य में वृद्धि की सम्भावनायें भी!
भारतीय रेल का पूर्व विभागाध्यक्ष, अब साइकिल से चलता गाँव का निवासी। गंगा किनारे रहते हुए जीवन को नये नज़रिये से देखता हूँ। सत्तर की उम्र में भी सीखने और साझा करने की यात्रा जारी है।
छत्तीस क्विण्टल शहद का उत्पाद। एक कच्ची गणना से मैं अनुमान लगा लेता हूं कि गांव के रहन सहन के हिसाब से यह सम्मानजनक मध्यवर्गीय व्यवसाय है। एक रुटीन नौकरी से कहीं अच्छा विकल्प। और भविष्य में वृद्धि की सम्भावनायें भी!