‘अन्नदाता’ पर विचार


मैं अपनी छ दशक की जिंदगी में साम्यवाद और समाजवाद की समस्याओं को सुलझाने में असमर्थता को देख चुका हूं। वे मुझे समाधान देते नजर नहीं आते। और यह ‘अन्नदाता’ आंदोलन या प्रतिपक्ष कोई वैकल्पिक ब्ल्यू-प्रिण्ट भी नहीं रखता। हंगामा खड़ा करना ही उनका मकसद लगता है।

बर्फी सोनकर और (सब्जी) मण्डी के बदलाव के भय


बर्फी सोनकर अपने अनुभव, नेटवर्क, सूचनाओं और इनट्यूशन की बदौलत इतना कमाते हैं, जितना कोई मध्य स्तर की कम्पनी का सीईओ कमाता होगा। उनका लड़का रंगीला, अभी सीखते हुये बतौर आढ़त एप्रेण्टिस, मजे से व्यवसाय करता है।

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