बच्चों के ये डाक्टर दंपति इस स्वर्ण प्राशन की दवा को बहुत कारगर पा रहे थे, इसलिए इसे अभियान के रूप में अपनाने का संकल्प लिया. अन्यथा, कोई एलोपैथिक डाक्टर किसी आयुर्वैदिक चिकित्सा की प्रशंसा करने का पाप तो कभी नहीं करता. 😁
ज्ञानदत्त पाण्डेय का ब्लॉग। भदोही (पूर्वी उत्तर प्रदेश, भारत) में ग्रामीण जीवन। रेलवे के मुख्य परिचालन प्रबंधक पद से रिटायर अफसर। रेल के सैलून से उतर गांव की पगडंडी पर साइकिल से चलता व्यक्ति।
बच्चों के ये डाक्टर दंपति इस स्वर्ण प्राशन की दवा को बहुत कारगर पा रहे थे, इसलिए इसे अभियान के रूप में अपनाने का संकल्प लिया. अन्यथा, कोई एलोपैथिक डाक्टर किसी आयुर्वैदिक चिकित्सा की प्रशंसा करने का पाप तो कभी नहीं करता. 😁