त्रिपाठी जी ने वामपंथ से टकराव के अनेक मामले और अनेक लोगों से मिलने के प्रसंग मुझे बताये। उनसे मिलने पर लगा कि ये वामपंथी लिबरल-वाम एजेण्डा को बड़े शातिराना ढंग से शिक्षण संस्थानों और समाज में घोलने का काम करते हैं।
ज्ञानदत्त पाण्डेय का ब्लॉग। भदोही (पूर्वी उत्तर प्रदेश, भारत) में ग्रामीण जीवन। रेलवे के मुख्य परिचालन प्रबंधक पद से रिटायर अफसर। रेल के सैलून से उतर गांव की पगडंडी पर साइकिल से चलता व्यक्ति।
त्रिपाठी जी ने वामपंथ से टकराव के अनेक मामले और अनेक लोगों से मिलने के प्रसंग मुझे बताये। उनसे मिलने पर लगा कि ये वामपंथी लिबरल-वाम एजेण्डा को बड़े शातिराना ढंग से शिक्षण संस्थानों और समाज में घोलने का काम करते हैं।