कोविड19 और रोजमर्रा की जिंदगी – रीता पाण्डेय की अतिथि पोस्ट


आखिर, खाने कमाने के लिये कोई व्यक्ति अपने घर से दूर नहीं जाना चाहता। अपने परिवार के साथ रहना चाहता है। भले ही पगार थोड़ी कम मिले।

कुछ (नये) लोग


कल शनिवार 14 दिसम्बर को मैं वाराणसी में था। सवेरे स्टेशन पर अपने डिब्बे के बाहर दृष्य साफ़ था। कोई कोहरा नहीं। सूरज निकल चुके थे। स्टेशन पर गतिविधियां सामान्य थीं। कबूतर दाना बीन रहे थे। अभी उनके लिये यहां बैठने घूमने का स्पेस था। दिन में ट्रेनों की आवाजाही और यात्रियों की अधिकता केContinue reading “कुछ (नये) लोग”

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