जमानिया से गहमर-बारा


बारा में एक शिव मंदिर में रहने को स्थान मिल गया। मंदिर के भईया जी ने कहा कि वे प्रेमसागर के लिये भोजन भी बना देंगे। चहकते प्रेमसागर ने बताया – “मेन बात भईया कि पीपा पुल, जिसे कल सवेरे पार करना है, वह बगल में ही है।”

वाराणसी से जमानिया – विशुद्ध घुमक्कड़ी


प्रेमसागर की यात्रा बिना नोटबुक के और एक खराब मेमोरी के साथ हो रही है! मेरी झुंझलाहट पर वे सीधे प्रतिक्रिया नहीं करते पर कुछ देर बाद बोले – “अब भईया, निकल लिये हैं तो आगे महादेव जाने, माई जानें। वे ही कोई न कोई बेवस्था (व्यवस्था) करेंगे।”