पैसे ले कर चलना खतरनाक है

मेरे पड़ोस में एक अकाउण्टेण्ट रहता है. रिलायंस की किसी फ्रेंचाइज़ी में काम करता था. एक कर्मचारी को उसने बैंक में कैश जमा करने भेजा. उसे देर होने लगी तो उसने दो-तीन बार मोबाइल पर फोन किया. हुआ यह था कि उस कर्मचारी को रास्ते में किन्ही बदमाशों ने गोली मार कर उसके पास से 8 लाख रुपया छीन लिया था.

अकाउण्टेण्ट खुद पैसा जमा करने बैंक क्यों नहीं गया? बार-बार फोन क्यों किया? जैसे सवालों को लेकर इस व्यक्ति को जिरह के लिये पुलीस ने 3-4 दिन अपनी कस्टुडी में रखा. पुलीस की पड़ताल नें इसको तोड़ दिया है मानसिक रूपसे. डेढ़ महीने से काम पर नहीं जा रहा है. दूसरी नौकरी खोज रहा है.

मेरे मन में सवाल आ रहा है, बढ़ते तकनीकी विकास के बावजूद हमारे देश में ज्यादातर ट्रांजेक्शन कैश में क्यों होता है? कैश ट्रांजेक्शन असुरक्षित तो है ही, अरुचिकर भी है. जेब में 100ग्राम का पर्स ले कर हमेशा चलना, सड़े-गले नोटों को लेकर अनिच्छा का भाव मन में आना, खुल्ले पैसे के बदले जबरन हाजमोला की गोली आपको स्वीकारने को बाध्य होना – यह सब रोज अनुभव किया जाता है।

तकनीकी समाधान क्या है? “द मेकेंजी क्वाटर्ली” में एक लेख है – “Developing a new rural payments system in China”. इसमें ग्रामीण चीन में कैश ट्रांजेक्शन के बदले तकनीकी समाधान के लिये पीपुल्स बैंक ऑफ चाईना की कोशिश की बात है. वहां पाया गया कि प्रणाली बदलने में 2 अरब डालर लगेंगे अगर एटीएम या प्वाइंट-ऑफ-सेल टर्मिनल की शृंखला कायम की जाये. पर यही काम मोबाइल फोन की एसएमएस अर्धारित पेमेण्ट व्यवस्था से 4 से 6 करोड़ डालर में हो जायेगा.

मोबाइल फोन भारत में भी तेजी से बढ़ रहे हैं. चनाचबैना बेचने वाला भी रख रहा है. इसका प्रयोग अगर आर्थिक आदान प्रदान में भी सम्भव हो तो कितना अच्छा हो जायेगा. वह न केवल सुविधा जनक और व्यापक होगा वरन देसी कट्टा लेकर रोज पेट्रोल पम्प और बैंक लूटने वालों को बेरोजगार भी कर देगा.


Published by Gyan Dutt Pandey

Exploring rural India with a curious lens and a calm heart. Once managed Indian Railways operations — now I study the rhythm of a village by the Ganges. Reverse-migrated to Vikrampur (Katka), Bhadohi, Uttar Pradesh. Writing at - gyandutt.com — reflections from a life “Beyond Seventy”. FB / Instagram / X : @gyandutt | FB Page : @gyanfb

4 thoughts on “पैसे ले कर चलना खतरनाक है

  1. ज्ञान जी एक साल पहले आपने जो सोचा था वो आज सच हो गया।

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  2. सही काम जमाना बहुत खराब है।काश वह दिन जल्द आए कि देश में हर जगह प्लास्टिक मनी से लेन-देन की सुविधा हासिल हो।

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  3. प्लास्टिक मनी और इलेक्ट्रानिक ट्रान्जेक्शन पर सतत कार्य हो रहा है. वो दिन भी अब दूर नहीं जब आपकी यह सोच भी मुर्तरुप ले लेगी. बस देखते चलें.

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  4. बैंकों के एटीएम से भी धन गायब करने के समाचार छपे हैं। बैंक भी लुटने के समाचार मिल हैं। हर कहीं असुरक्षा…

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