‘हिंदी एक बीमार भाषा है। क्योंकि इसका मुल्क बीमार है। अस्सी फीसदी नौजवान हाथ बेकार हैं। प्रोफेसर और दूसरे कमाने वालों को बैंक का ब्याज चुकाना है, वे ट्यूशन पढ़ा रहे हैं, कमाई का अतिरिक्त ज़रिया खोज रहे हैं। वे क्यों पढ़ेंगे किताब? आपकी किताब उन्हें दुष्चक्र से बाहर निकलने का रास्ता नहीं दिखा रही।‘Continue reading “फिर हिन्दी पर चलने लगे तीर (या जूते!)”
Daily Archives: 28.06.2007
आपको कौन लिंक कर रहा है?
यह कई बार होता है कि आप वहां नहीं पहुंचते जहां आपके ब्लॉग को लिंक कर कुछ कहा जा रहा हो. आपको ट्रिगर ही नहीं मिलता. उदाहरण के लिये मैने यूनुस पर एक पोस्ट लिखी – नाई की दुकान पर हिन्दी ब्लॉगर मीट. उनके ब्लॉग को लिंक किया. प्रतीक्षा की कि यूनुस देखने आयेंगे औरContinue reading “आपको कौन लिंक कर रहा है?”
