कोटा-परमिट राज में सरकार तय करती थी चीजों के भाव। अब उत्तरोत्तर यह कार्य कोर्ट के हस्तक्षेप से होने लगा है। बामुलाहिजा में कीर्तिश भट्ट का कुछ दिन पहले एक कार्टून था कि मध्यप्रदेश में दूध के भाव सुप्रीम कोर्ट तय करेगा। लगभग उसी दिन इलाहाबाद हाईकोर्ट ने तय किया कि उत्तर प्रदेश में गन्नाContinue reading “गन्ना खरीद के भाव तय करने में कोर्ट की भूमिका”
Monthly Archives: Nov 2007
राजकमल, लोकभारती और पुस्तक व्यवसाय
सतहत्तर वर्षीय दिनेश ग्रोवर जी सतहत्तर वर्षीय दिनेश ग्रोवर जी (लोकभारती, इलाहाबाद के मालिक) बहुत जीवंत व्यक्ति हैं। उनसे मिल कर मन प्रसन्न हो गया। व्यवसाय में लगे ज्यादातर लोगों से मेरी आवृति ट्यून नहीं होती। सामान्यत वैसे लोग आपसे दुनियाँ जहान की बात करते हैं, पर जब उनके अपने व्यवसाय की बात आती हैContinue reading “राजकमल, लोकभारती और पुस्तक व्यवसाय”
बम्बई जाओ भाई, गुजरात जाओ
मेरी सरकारी कार कॉण्ट्रेक्ट पर है। ठेकेदार ने ड्राइवर रखे हैं और अपनी गाड़ियाँ चलवाता है। ड्राइवर अच्छा है। पर उसे कुल मिलते हैं 2500 रुपये महीना। रामबिलास रिक्शेवाला भी लगभग इतना ही कमाता है। मेरे घर में दिवाली के पहले पुताई करने वाले आये थे। उन्हें हमने 120 रुपया रोज मजूरी दी। उनको रोजContinue reading “बम्बई जाओ भाई, गुजरात जाओ”
