सवेरे की सैर के दौरान देखा – एक घर से गृहणी ने सात-आठ रोटियाँ और सड़क पर फेंकीं। पास ही एक गाय खड़ी थी। वह खाने लगी। गली के कुछ कुत्ते दौड़ते हुये आये और रोटियाँ छीनने के लिये गाय पर भौंकने लगे। गाय ने सींगों का सहारा लिया, पर एक बड़ा कुत्ता लगभग आधीContinue reading “गाय, कुत्ते और रोटियाँ – देव और दानव”
Monthly Archives: Nov 2007
आपकी अंग्रेजी में टिप्पणियोँ का भी स्वागत है!
हिन्दी ब्लॉगरी में लोग हिन्दी को ले कर काफी सेण्टी हैं। बोले तो फिनिकी (finicky – नकचढ़ा, तुनकमिजाज, जिद्दी)। शुरू में हमने काफी रार की। बाद में समझ में आया कि यह कि मामला गहरी जड़ें रखता है। जब तक भाषा पर्याप्त समृद्ध नहीं हो जाती, तब तक अंग्रेजी विरोध ही उसे ऊर्जा प्रदान करेगा।Continue reading “आपकी अंग्रेजी में टिप्पणियोँ का भी स्वागत है!”
आस्था बनी रहे परस्पर – एक मोनोलॉग!
अभय ने ब्लॉग के फुल फीड की बात की परसों और मैने निर्णय लेने में समय नहीं लगाया। फीडबर्नर में खट से समरी फीड को डी-एक्टीवेट कर दिया। पर मैं अभय तिवारी से कहता हूं कि वह धन और उसकी दिव्यता के विषय में विचार बदलें। वह जवान सुनता ही नहीं। पंकज अवधिया जी नेContinue reading “आस्था बनी रहे परस्पर – एक मोनोलॉग!”
