यह श्रीमती रीता पाण्डेय की पारिवारिक पोस्ट है। मेरा योगदान बतौर टाइपिस्ट है। एक घरेलू महिला अपने परिवेश को कैसे देखती समझती है – यह रीता जी के नजरिये से पता चलेगा। मैं बनारस में अपनी मां के साथ रजाई में पैर डाले बैठी बात कर रही थी। अचानक भड़भड़ाते हुये घर में घुसी चन्दाContinue reading “शादी के रिश्ते – क्या चाहते हैं लोग?”