मेक्केन बनाम ओबामा


मेक्केन क्या कछुये की चाल से सतत बढ़त की ओर हैं? गैलप पोल में तो ऐसा ही लगता है। उसके अनुसार कंजरवेटिव डेमोक्रेट्स ओबामा से छिटक रहे हैं। भारत में ओबामा का नाम ज्यादा सुनने को क्यों मिलता है? मेक्केन क्या जॉर्ज बुश का पर्याय हैं; जैसा हिलेरी क्लिण्टन अपने ओबामा समर्थन भाषण में कह रही हैं?

Obama McCain 

ओबामा को मीडिया कवरेज बहुत मिला है और यह शायद ओवरडोज़ हो गया। प्यु रिसर्च सेण्टर तो ऐसा ही कहता है। उसके अनुसार ओबामा डेमोक्रेट मतदाताओं को भी एक जुट अपने पक्ष में नहीं कर पाये हैं। क्या डेमोक्रेट्स नें अपना उम्मीदवार चुनने में गलती हर दी?!

Freshमुझे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कौन जीतता है। पर मजा आने लगा है। अमेरिका की कुछ साइट्स बुकमार्क कर ली हैं अवलोकन के लिये!

अमेरिका में भारत की लॉबी, चीन की लॉबी और इज्राइल की लॉबी क्या चाहती हैं?

व्यक्तिगत रूप से तो अगर और कुछ ज्ञात न हो तो जो उम्मेदवार पीछे चल रहा हो, उसे बैक करने में मजा आता है। पहले हिलेरी क्लिण्टन का पक्ष लेने का मन कर रहा था, अब मेक्केन का। अगर आने वाले महीनों में मेक्केन की लीड ठीकठाक बन गयी तो ओबामा की तरफ मन फिरेगा।

(ओह, पोस्ट लिखने और पब्लिश करने में तीन दिन का अन्तराल और ओबामा बाउन्स बैक कर गये! अब सारा पालिन को अपना उपराष्टपतीय जोड़ीदार बनाने से मेक्केन बढ़त लेंगे क्या? आलास्का की गवर्नर तो अब भी ब्यूटी-क्वीन सी लगती हैं!)


कोल्डस्टार: मेरी अम्मा ने शाम को खबर दी – हमारे फलाने रिलेटिव की तबियत खराब है। उनकी डाक्टरी जांच हुयी है और उनका कोल्डस्टार बढ़ा हुआ है। आज उनका फोन आया था। 

Incubator काफी सिर खुजाने में स्पष्ट हुआ कि अम्माजी आशय कोलेस्ट्रॉल से है।

यूपोरियन अंग्रेजी मस्त है! यहां नवजात प्रीमेच्योर बच्चे "इनवर्टर" में रखे जाते हैं। यानी इन्क्यूबेटर में। बोनस मिलता है तो घर में रूम ठेठर खरीद कर आता है। यानी रूम थियेटर। गुण्डी की माई अपनी बिटिया को "इंगलिश टू इंगलिश" स्कूल में भर्ती करेगी। वह पाउच का दूध नहीं लेती – ग्वाले से सामने दुहा कर "पेवर" (पढ़ें प्योर) दूध लेती है।

अब भी आप मुझे अंग्रेजी ठेलक मानते हैं! Sad 


Published by Gyan Dutt Pandey

Exploring rural India with a curious lens and a calm heart. Once managed Indian Railways operations — now I study the rhythm of a village by the Ganges. Reverse-migrated to Vikrampur (Katka), Bhadohi, Uttar Pradesh. Writing at - gyandutt.com — reflections from a life “Beyond Seventy”. FB / Instagram / X : @gyandutt | FB Page : @gyanfb

25 thoughts on “मेक्केन बनाम ओबामा

  1. कुछ महीने पहले किसीने मुझसे पूछा था “कौन जीतेगा?” मैंने कहा था उस समय: “McCain”.पूछा गया था: “क्यों”?मेरा उत्तर:”McCain काला नहीं है और न ही नारी।”आशा करता हूँ कि मेरी “भविष्यवाणी” सही नहीं होगी।मेरी इच्छा है कि ओबामा ही जीते।यहाँ भी, प्रान्तीय भाषा बोलने वाली अशिक्षित आम जनता अंग्रेजी का जब प्रयोग करते हैं तो बड़ा मज़ा आता है।एक सज्जन मुझसे “सर्फ़िटिकट” माँगने आया था। (certificate)मेरी नौकरानी पूछती है : “साहब, आप “अप्परमेंट” कब जाएंगे? (“apartment” कब जाएंगे) station के लिए “टेसन”, time के लिए “टेम” वगैरह तो आम बात है।plumber का अंग्रेज़ी में सही उच्चरण है “प्लम्मर” लेकिन जब भी “प्लम्मर” कहता हूँ यहाँ के लोग समझते नहीं हैं और मुझे भी मजबूरन “प्लम्बर” कहना पढ़ता है। पडोस में “त्रयंबका” नाम के एक डॉक्टर रहते हैं जो “तिरकंबया” नाम से ही जाने और पह्चाने जाते हैं। अब तो स्वयं डॉक्टर साहब भी हार मानकर अपने को “तिरकंबया” मानने लगे हैं।यदि Hinglish का असली मजा चाहते हैं तो मुम्बई जाकर मुन्नाभाई वाली हिन्दी सुनिए। और यदि आप कभी केरळ पधारते हैं तो देखिए किस शान से मलयाली लोग अंग्रेज़ी को भी मलयालम में बोलते हैं।आपकी वापसी से प्रसन्नता हुई। लिखते रहिए

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  2. डा. अमर कुमार, इटैलिक्स में लिखने वाले > अमेरिका वाले मेक्केन और ओबामा की बात तो नहीं कर रहे, गुरुवर ? या यह कोई प्रतीकात्मक आलेख है, बैठा गुन रहा हूँ.कोई प्रतीक-श्रतीकात्मक नहीं। यह विशुद्ध बीन-बटोरी पोस्ट है। जब दिमाग ज्यादा न चले तो यूं ही ठेल देना चाहिये!

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  3. बड़े भाई, ये हिन्दुस्तान है। यहाँ तो आदमी ये सोचता है कि कोऊ नृप होय हमें का हानि। तो अमरीका के चुनाव में उस की रुचि कैसी होगी? आप जान सकते हैं।आप को अंग्रेजी ठेलक कोई नहीं मानता। आप ये धारणा निकाल दें। हाँ कभी कभी अंग्रेजी के ऐसे शब्द आ जाते थे कि शब्दकोष देखना पड़ जाता था। और पोस्ट पढ़ने के बीच यह करना पड़े तो…..हालांकि यह मेरा स्वभाव भी हो सकता है। अभी अदालत पर अपंगता पेंशन के निर्णय का समाचार पढ़ते पढ़ते उस का मूल निर्णय तलाश करने लगा। मिल गया तो उस की टिप्पणी पर चिपका आया हूँ। आप की गैरहाजरी ब्लाग पर अखरती है।

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  4. कोई जीते कोई हारे अपना क्या जाता है !… जब भारत की राजनीति से उदासीनता हो गई तो अमेरिका की कौन सोचे ! अमेरिका के चुनावी मुद्दे भी तो अपने लेवल के नहीं होते. हाँ ब्यूटी क्वीन जैसे बातें थोडी रोचकता जरूर ला देती हैं. और अंग्रेजी बहुत मस्त ठेली है आपने :-)

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  5. पहले ग्राफ को देखकर लग रहा है जैसे दो केंचुए अगल बगल पडे हैं और हम उन पर चर्चा कर रहे हैं….दूसरे ग्राफ को देख लगता है मानों कोई मगर मुंह बाये शिकार की तलाश में है या फिर कोई धडियाल मुह खोलकर धूप सेंक रहा है ताकि उर्जा मिलती रहे…..:) अच्छी पोस्ट रही….वैसे ईसी बहाने गुंडी से भी मिल लिये….जानकर अच्छा लगा….गुंडी के लिये शुभाशीष।

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  6. शुभ प्रभात! कोल्ड स्टार तो हम भारतीयों का बेगानी (बिगिनिंग) से ही बाद (बैड) होता है. ओबामा और मेक्केन के फेरे में हमारे खालिस अपने कैंडिडेट डा. अमर कुमार की उपेक्षा नहीं कर सकते हैं – ज़रा उनकी बात पर गौर फरमाईये गुरुवर!

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  7. अमरीका की राजनीति पिछले कई महीनो से देख रहा हूँ | अपनी माने तो मैक्कैन जीत जायेंगे, ओबामा जीते तो तेल कम्पनियों की थोडी सी आफत | वैसे अपन को लगता है कोई भी जीते ऊर्जा के क्षेत्र में आमूल चूल परिवर्तन लाने के लिए दृढ इच्छा शक्ति की दोनों में कमी | डेमोक्रेट बोले तो ज्यादा टैक्स और जनता जो पहले से ही मंदी की अर्थव्यवस्था झेल रही है के लिए जंजाल | इराक़ अब लगभग दोनों पार्टियों के लिए एक सरीखा है क्योंकि वहाँ हालत सुधर रहे हैं | देखिये वक्त ही बतायेगा कि क्या होता है |

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  8. .अमेरिका वाले मेक्केन और ओबामा की बात तो नहीं कर रहे, गुरुवर ? या यह कोई प्रतीकात्मक आलेख है, बैठा गुन रहा हूँ… भेजे में भुस्स जो भरा है ? आज तक SEO का होता है, इहे समझ में नहीं आया तो हमसे उम्मीद मत करिये कि हम बुरबकई का क्वेश्चने नहीं पुट करेंगे ?और सुनाइये, इलाहाबाद का अउर अपने घर-दुआर का क्या हाल है…हमसे कुट्टी करे हैं हैं का, अँय ? अब मिल्ली नहीं करेंगे ?कब्भी… कब्भी.. कब्भी भी नहीं करेंगे.. , अँय ?तो भौगान जी गुस्से हो जायेंगे… फिर !

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  9. ओबामा जीतेंगे कि डेक्केन ये तो समय बतायेगा लेकिन आप अंग्रेजी शब्द ठेलने के आरोप से तभी बरी होंगे जब अपने आप कोल्डस्टार, इन्वर्टर, ठेठर जैसे शब्द गढ़ने लगेंगें और वे चल निकलें। :)

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