विकीपेडिया (Wikipedia) की विश्वसनीयता


Wikipedia1 जब मैं विद्यार्थी था; और यह बहुत पहले की बात है; तब मुझे प्रिण्ट माध्यम के प्रति श्रद्धा थी। “ऐसा फलानी किताब में लिखा है” या यह “द हिन्दू में छपा था” कह कोट करना एक सत्य को प्रकटित करने जैसा होता था। फिर यह प्रकटन हुआ कि यह लिखने वाले भी हम जैसे हैं और वे अनजाने में या जानबूझ कर असत्य ठेल जाते हैं। लिहाजा प्रिण्ट का ग्लैमर धुंधला पड़ गया।

कुछ श्रद्धा बची रह गयी। कुछ क्लासिक्स के प्रति। एन्साइक्लोपीडिया ब्रिटेनिका के प्रति भी। सरकारी वेतन में इतने पैसे एकमुश्त जुगाड़ न कर पाया कि एन्साइक्लोपीडिया ब्रिटेनिका खरीद पाता। उसके बाद इण्टरनेट का जमाना आ गया। विकीपेडिया का व्यापक प्रयोग करने लगा। पर कभी न कभी वह फेज आनी ही थी कि इसके मेटीरियल पर संशय होता। सुमन्त मिश्र जी द्वारा दिये गये एक लिंक से वह भी होने लगा और जबरदस्त होने लगा।wikipedia

विकीपेडिया-वाच नामक इस साइट का आप अवलोकन करें। मैं इसका मुरीद बनने का आवाहन नहीं कर रहा। मैं केवल यह बताने का प्रयास कर रहा हूं कि विकीपेडिया की सामग्री पर सेण्ट-पर-सेण्ट निर्भरता सही नहीं है।

बड़ा मसाला है इस विकीपेड़िया पर। अंगेजी में ही > २९,२६,२७५ लेख होंगे। सारे माल मत्ते को प्रिण्ट किया जाये तो वह इतना होगा जितना ब्रिटेनिका के ९५२ वाल्यूम में समाये। संलग्न चित्रों में रॉब मैथ्यूज नामक सज्जन ने इसका ०.०१% (~ ५००० पेज) प्रिण्ट किया है। बड़ा इम्प्रेसिव लगता है। पर कौन पढ़ेगा इतनी मोटी किताब!

विकीपेडिया में फीचर्ड आर्टीकल और चित्र आदि के रूप में छानने की परम्परा है। लेकिन कोई तरीका नहीं लगता कि सर्च इंजन केवल फीचर्ड कण्टेण्ट पर ही ले जाये। अत: आपकी सर्च से सामने आया कितना खालिस माल होगा, कितना चुरातत्व और कितना बण्डल विकीपेडिया पर, कहा नहीं जा सकता! हिन्दी ब्लॉगों से ज्यादा होगा या कम?

अगली बार आप विकीपेडिया पर जायें तो बतौर प्रयोक्ता जायें और अपनी संशयात्मिका बुद्धि अपने साथ रखें!


Published by Gyan Dutt Pandey

Exploring rural India with a curious lens and a calm heart. Once managed Indian Railways operations — now I study the rhythm of a village by the Ganges. Reverse-migrated to Vikrampur (Katka), Bhadohi, Uttar Pradesh. Writing at - gyandutt.com — reflections from a life “Beyond Seventy”. FB / Instagram / X : @gyandutt | FB Page : @gyanfb

44 thoughts on “विकीपेडिया (Wikipedia) की विश्वसनीयता

  1. एक तरह से ये आलस्य ही है – विकीपीडीया और इन्टरनेट ! ऊँगलियोँ से , type & खट्` से किता कुछ परोस देते हैँ – हाँ, कई तरह की रीसर्च करना भी आवश्यक है – लावण्या

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  2. आँख मूंद कर तो किसी पर भी विश्वास करना ही नहीं चाहिए, चाहे इंटरनेट हो या वास्तविक संसार। विकिपीडिया लोगों द्वारा बनाया गया और मेन्टेन किया जा रहा एनसाईक्लोपीडिया है, यहाँ कोई भी योगदान दे सकता है, गलती किसी से भी हो सकती है। गलती होती है तो यहाँ सुधर भी जाती है, लोग ही सुधारते हैं! :)यदि आपको भी विकिपीडिया पर विचरण करते समय कुछ ऐसा दिखे जो आपको पता हो कि गलत है तो उसको सुधारने में हिचकें नहीं! :)

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  3. विकीपीडिया के सम्पादन का आमंत्रण था पर मैने वैज्ञानिक जगत मे विश्वसनीय माने जाने वाले इकोपोर्ट मे अपना योगदान देना अधिक उचित समझा। आज इकोपोर्ट मे मेरे योगदान को दुनिया भर के शोधार्थी सन्दर्भ के रुप मे प्रयोग कर रहे है। इतने सारे भारतीय विकीपीडिया मे अपना योगदान दे रहे है। इसमे उन्हे न तो पैसा मिल रहा है और न ही नाम। कल को यह किसी बहाने से बन्द हो जाये तो कोई कापीराइट क्लेम भी नही कर सकता। ऐसे मे क्यो न भारत सरकार विकी प्रोजेक्ट आरम्भ करती जिसमे भारतीय खुलेमन से योगदान करते अपने नामो के साथ?

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  4. "बतौर प्रयोक्ता जायें और अपनी संशयात्मिका बुद्धि अपने साथ रखें"- आपके लेख और सारी टिप्पणियों का सार यही है. इसके बावजूद विकिपीडिया के महत्त्व से इनकार नहीं किया जा सकता.

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  5. आदरणीय पांडेय जी ,आपने सही लिखा है …लेकिन पता नहीं क्यों मुझे इलेक्ट्रोनिक माध्यम द्वारा संकलित सन्दर्भों की अपेक्षा प्रिंट के कंटेंट पर ज्यादा भरोसा है ……हेमंत कुमार

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  6. हमारे लिये आँख खोलने की बात है.. अगली बार सावधानी रखेंगें..आभार..

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