नाव


मछली पकड़ने वाले रहे होंगे। एक नाव पर बैठा था। दूसरा जमीन पर चलता नायलोन की डोरी से नाव खींच रहा था। बहुत महीन सी डोरी से बंधी नाव गंगा की धारा के विपरीत चलती चली आ रही थी। मैं अपनी चेतना के मूल में सम्मोहित महसूस कर रहा था। एक महीन सी डोर! कभीContinue reading “नाव”

जलवायु परिवर्तन – कहां कितना?


टिम फ्लेनेरी की पुस्तक – "द वेदर मेकर्स" अच्छी किताब है पर्यावरण में हो रहे बदलावों को समझने जानने के लिये। तीन सौ पेजों की इस किताब का हिन्दी में अनुवाद या विवरण उपलब्ध है या नहीं, मैं नहीं जानता। आप बेहतर होगा कि इस आस्ट्रेलियाई लेखक की यह पुस्तक अंग्रेजी में ही पढ़ें, अगरContinue reading “जलवायु परिवर्तन – कहां कितना?”

गौरी विसर्जन और पर्यावरण


गौरी विसर्जन के नाम पर फैकी गईं प्लास्टिक की थैलियां हरतालिका तीज के बाद गौरी-विसर्जन वैसी पर्यावरणीय समस्या नहीं उत्पन्न करता जैसी गणेश जी की प्लास्टर ऑफ पेरिस और कृत्रिम रंगों से युक्त बड़े आकार की प्रतिमाओं के विसर्जन से होता है। (संदर्भ – श्री चन्द्रमौलेश्वर प्रसाद जी की टिप्पणी।)  गौरी-गणेश की प्रतिमा छोटी औरContinue reading “गौरी विसर्जन और पर्यावरण”

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