मालगाड़ी या राजधानी एक्स्प्रेस?!

क्या राजधानी की तरह चली हमारी मालगाड़ी!

राजधानी एक्स्प्रेस दिल्ली से मुगलसराय तक नौ घण्टा समय लेती है। कालका मेल सवेरे सात बज कर सैतीस मिनट पर गाजियाबाद से चल कर शाम आठ बज कर दस मिनट पर मुगलसराय पंहुचती है।

Vidit Tiwari श्री विदित तिवारी, मुख्य गाड़ी नियंत्रक, इलाहाबाद रेल मण्डल अपने नियंत्रण कक्ष में। इन्ही के मण्डल में गाजियाबाद से मुगल सराय का खण्ड आता है।

यह मालगाड़ी कल सवेरे आठ बजकर तीस मिनट पर गाजियाबाद से निकली और शाम छ बज कर सत्रह मिनट पर मुगलसराय पंहुच गई थी। यानी कुल नौ घण्टे सैंतालीस मिनट में! कालका मेल को रास्ते में पीछे छोड़ती। जबरदस्त सनसनी का मामला था जी!

हमें हाल ही में बॉक्सएन एच.एल. (BOXNHL) वैगनों की रेक लदी दशा में ७५ कि.मी.प्र.घ. और खाली दशा में १०० कि.मी.प्र.घ. से चलाने की अनुमति कमिश्नर रेलवे सेफ्टी की अनुशंसा पर रेलवे बोर्ड ने प्रदान की है। उसके बाद खाली दशा में गति का पूरा पोटेंशियल दोहन कर पाने के प्रयास प्रारम्भ हुये।

Upendra Singh उत्तर-मध्य रेलवे के मुख्य परिचालन प्रबन्धक श्री उपेंद्र कुमार सिंह। रेल-कर्मियों को उत्साहित करने के मुख्य उत्प्रेरक!

मालगाड़ी चालकों, स्टेशन मास्टरों और गाड़ी नियंत्रकों को उत्साह की दशा में लाने का कार्य किया उत्तर-मध्य रेलवे के मुख्य परिचालन प्रबन्धक महोदय ने। एक ५९ बॉक्सएन एच.एल. की गाड़ी बारह घण्टे से कम में गाजियाबाद से मुगल सराय पंहुच गई। उसके बाद तो मामला रिकार्ड तोड़ने का बनता गया। एक अन्य गाड़ी दस घण्टे दस मिनट में यह दूरी तय कर गई। और यह तीसरी मालगाड़ी तो राजधानी एक्स्प्रेस की गति रेंज में आ गयी!

आने वाले दिनों में हो सकता है कि कोई मालगाड़ी राजधानी एक्स्प्रेस से भी कम समय ले!

इस शानदार सफलता का काम इलाहाबाद रेल मण्डल के कर्मियों नें किया है। मेरे पास इस मालगाड़ी का चित्र नहीं है; पर मैं इलाहाबाद मण्डल के चीफ ट्रेन कण्टोलर श्री विदित तिवारी का चित्र लगा रहा हूं, पोस्ट पर। यह बताने के लिये कि हमारे कर्मचारी कितना बढ़िया काम करते हैं। श्री विदित तिवारी रेल मन्त्री के पुरस्कार से सम्मानित कर्मी हैं।

हां, यह सनद के लिये कह दूं कि मैं उत्तर-मध्य रेलवे का मुख्य माल-यातायात प्रबन्धक हूं और मालगाड़ी प्रबन्धन में मेरी भी भूमिका है। 

कुल उनसठ बॉक्सएन एच.एल. (BOXNHL) वैगनों की यह मालगाड़ी डब्ल्यू.ए.जी.९ (WAG9) लोकोमोटिव युक्त, धनबाद के कोयला क्षेत्र से कोयला ले कर मुगलसराय के रास्ते दिल्ली-हरियाणा-पंजाब के विद्युत उत्पादन केंद्रों को जाती है। वापसी में यह हमें खाली दशा में गाजियाबाद में इसी इन्जन के साथ मिलती है। यह इंजन १०० कि.मी.प्र.घ. की रफ्तार पकड़ लेता है। यह कुल ७५० किलोमीटर की यात्रा करती है गाजियाबाद से मुगलसराय तक। जिस मालगाड़ी का ऊपर जिक्र है, उसकी औसत गति आई ७७ कि.मी.प्र.घ.! तुलना के लिये बता दूं कि एक सामान्य मालगाड़ी औसत रूप से ३२ कि.मी.प्र.घ. की रफ्तार से यह दूरी तय करती है।      


Published by Gyan Dutt Pandey

Exploring rural India with a curious lens and a calm heart. Once managed Indian Railways operations — now I study the rhythm of a village by the Ganges. Reverse-migrated to Vikrampur (Katka), Bhadohi, Uttar Pradesh. Writing at - gyandutt.com — reflections from a life “Beyond Seventy”. FB / Instagram / X : @gyandutt | FB Page : @gyanfb

38 thoughts on “मालगाड़ी या राजधानी एक्स्प्रेस?!

  1. बढिया है जीमगर हम तो हर रोज ममता को कोसते हैं। जिस दिन से ममता बनर्जी रेलमंत्री बनी हैं एक दिन भी हमारी ट्रेन टाईम पर नही पहुंची है। पहले ही सवारियां ठसाठस भरी होती थी, उसपर डिब्बे(कोच) और भी कम कर दिये गये हैं।लालू जी के समय में तो समय पर पहुंचने के मामले में सुधार काबिले तारिफ था।प्रणाम

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  2. बहुत बहुत बधाई…..अच्छा है कहीं तो तेजी आई…..वर्ना जहां देखो….वही बुरा हाल है……अब लालू होते तो इस तेजी का जरूर फायदा उठा लेते…वैसे ये बात अलग है कि उन्हे श्वेत पत्र का सामना करना पढ़ रहा है;)

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  3. ओह तो ये बात है। इसीलिये छत्तीसगढ मे तेन्दुए मालगाडियो मे सवार होकर रायपुर शहर चले आते है- कम से कम जंगल विभाग का तो यही दावा है। :) हो सकता है भविष्य़ मे गति बढने से वे जंगल से रायपुर और रायपुर से जंगल अप-डाउन कर सके। कीप गोइंग।

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  4. बधाई!अब बुल्लेट ट्रेन का इन्तज़ार रहेगा।बेंगळूरु से चेन्नै, कोच्ची, हैदराबाद, मदुरई, मंगलूरु, २ धंटे में!कब आएगा वो दिन?शुभकामानाएं!जी विश्वनाथ, जे पी नगर, बेंगळूरु

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  5. चलिये माल गाडी भी दौडी तेज़ी से वैसे ए.बी.बी से तेज़ दौड्ने वाले इन्जिन आज से २० साल पहले कमीशन लेकर खरीद लिये थे . जब इन इन्जिनो की जान्च हुइ थी तो मेरे पिता जी आर.सी.सी कमेटी मे थे .उस समय ट्रेक ही इस काबिल नही थे कि यह इन्जिन दौड पाते .

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  6. Dil Khush HOi Gawa Padh ke Khaliha mein MAllGadi ki Rajdhani Chal.SOchat hun Kahe na Ehi MEin Dilli seHowrah Chalun Khalihe ta jaat Ba.By Shri Mohan PAndey

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  7. हमारी रेलगाड़ियाँ भी इतनी तेज चलती हैं, और वो भी मालगाड़ी -जानकर अच्छा लगा । अभी परसों ही एक रेलवे क्रासिंग पर एक मालगाड़ी ने इतना वक्त लगाया कि धैर्य टूट गया । आभार ।

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