वसंती रंग में नत्तू पांडे

ताजा ताजा चित्र भेजे हैं नत्तू पांडे के वाणी-विवेक ने; ई-मेल से। पूरा घर भर इकठ्ठा हो गया लैपटॉप के पास फोटो का स्लाइड शो देखने।

बेचारा दुबला हो गया है।

एक दांत आ गया है तो मुंह भींच कर रखता है।

वाणी ठीक से केयर नहीं कर रही (यानी, केयर मात्र ननिहाल में होती है!)।

देखो, खुद (वाणी) तो गोझा जैसी हो गई है और बच्चा बेचारा दुबला हो गया है! 

फोटो और भेजने चाहियें थे।

ये चढ्ढी कैसे पहने है?

मुंह चुचुक गया है। बिल्कुल झारखण्डी लगता है! (यानी सारे झारखण्ड वाले दुबले होते हैं!)

फोटो आई बा, त हलुआ बनई? काहे क? गुड़ पड़े की चीनी? (फोटो आया है तो हलुआ बनाऊं? किस का? गुड़ पड़ेगा कि चीनी?)

नत्तू पांडे की फोटो माने खुशी का विषय!


Published by Gyan Dutt Pandey

Exploring village life. Past - managed train operations of IRlys in various senior posts. Spent idle time at River Ganges. Now reverse migrated to a village Vikrampur (Katka), Bhadohi, UP. Blog: https://gyandutt.com/ Facebook, Instagram and Twitter IDs: gyandutt Facebook Page: gyanfb

37 thoughts on “वसंती रंग में नत्तू पांडे

  1. बहुत प्यारे लग रहें हैं…नत्तू पाण्डेय साहब…बस गोद में उठाने का जी चाहे…

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  2. बहुत अच्छी प्रस्तुति।इसे 20.02.10 की चिट्ठा चर्चा (सुबह ०६ बजे) में शामिल किया गया है।http://chitthacharcha.blogspot.com/

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  3. हम भी आशीर्वाद देते हैं ! वैसे आशीर्वाद देने नहीं लेने की आदत है अब तक तो 🙂 हलुआ फिर काहे का बना?

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  4. दाँत आने पर बच्चे कमजोर हो जाया करते हैं…चिंता काहे करते हैं…आप..फोटो देख कर लगता है नत्तू जी किसी को बहुत गहराई से देख रहे हैं…;))

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