अचिन्त्य लाहिड़ी ने मुझे बताया था बंगाली लोगों के विगत शताब्दियों में गोरखपुर आने के बारे में। उन्होने यह भी कहा था कि इस विषय में बेहतर जानकारी उनके पिताजी श्री प्रतुल कुमार लाहिड़ी दे सकते हैं। श्री लाहिड़ी से मुलाकात मेरे आलस्य के कारण टलती रही। पर अन्तत: मैने तय किया कि सन् 2014Continue reading “गोरखपुर में बंगाली – श्री प्रतुल कुमार लाहिड़ी से मुलाकात”
Monthly Archives: Dec 2014
रेल का रूपांतरण
रेलवे के किसी दफ्तर में चले जाओ – मुंह चुचके हुये हैं। री-ऑर्गेनाइजेशन की हवा है। जाने क्या होगा?! कोई धुर प्राइवेटाइजेशन की बात कहता है, कोई रेलवे बोर्ड के विषदंत तोड़े जाने की बात कहता है, कोई आई.ए.एस. लॉबी के हावी हो जाने की बात कहता है। कोई कहता है कि फलाना विभाग ढिमाकेContinue reading “रेल का रूपांतरण”
कोहरा और भय
सौन्दर्य और भय एक साथ हों तो दीर्घ काल तक याद रहते हैँ। सामने एक चीता आ जाये – आपकी आंखों में देखता, या एक चमकदार काली त्वचा वाला फन उठाये नाग; तो सौन्दर्य तथा मृत्यु को स्मरण कराने वाला भय; एक साथ आते हैं। वह क्षण आप जीवन पर्यन्त नहीं भूल सकते। घने कोहरेContinue reading “कोहरा और भय”
पण्डित छन्नू लाल मिश्र
शुक्रवार को आदेश हुआ कि मंडुआडीह (वाराणसी) से नयी चलने वाली 15117/15118 मंडुआडीह-जबलपुर एक्स्प्रेस के उद्घाटन के अवसर पर पूर्वोत्तर रेलवे के चार विभागाध्यक्षों को उपस्थित रहना है। चार थे – निर्माण संगठन के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी श्री ओंकार सिंह, प्रमुख-मुख्य अभियन्ता श्री एच के अग्रवाल, मुख्य वाणिज्य प्रबन्धक श्री अशोक लाठे और मैं। कोहरेContinue reading “पण्डित छन्नू लाल मिश्र”
कृष्णनगर को छू कर आना
उत्तरप्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले में है बढ़नी बाजार। यहां नगरपालिका है। बारह-पन्द्रह हजार के आसपास होगी आबादी। सन 2001 की जनगणना अनुसार 12 हजार। रेलवे स्टेशन है। गोरखपुर-बढ़नी-गोंडा लाइन पहले मीटरगेज की थी; अब गोरखपुर से बढ़नी तक यह ब्रॉडगेज बन चुकी है और अगले मार्च तक गोंडा तक हो जायेगी। बढ़नी के आगे 100-200Continue reading “कृष्णनगर को छू कर आना”
बढ़नी का जलसा
बढ़नी पूर्वोत्तर रेलवे के लखनऊ मण्डल का स्टेशन एक है। वहां से नेपाल 150 कदम पर है। पिछले रविवार वहां जाना हुआ। शायद विदेश यात्रा का भी योग था, सो वहीं से पैदल नो-मैंस-लैण्ड डांक कर कृष्णनगर भी हो आया। कृष्णनगर नेपाल के कपिलवस्तु जिले का कस्बा है। बढ़नी का सीमा उस पार ट्विन-कस्बा। इसContinue reading “बढ़नी का जलसा”