हेमेन्द्र सक्सेना, रिटायर्ड अंग्रेजी प्रोफेसर, उम्र 91, फेसबुक पर सक्रिय माइक्रोब्लॉगर : मुलाकात

वे इलाहाबाद (प्रयागराज) विश्विद्यालय के अंग्रेजी के प्रोफेसर रह चुके हैं. फेसबुक में उनकी प्रोफाइल पर उनका जन्मदिन दर्ज है – 29 मार्च 1928. मैं गौरवान्वित होता हूँ कि वे मेरे फेसबुक मित्र हैं. पिछले दिनों में उनसे मिलने गया था मैं.

हेमेन्द्र सक्सेना जी, रमेश कुमार और गौरी सक्सेना. हेमेन्द्र जी के बैठक कक्ष में

हेमेन्द्र सक्सेना जी 91 वर्ष के होने के बावजूद भी शारीरिक और मानसिक रूप से बहुत चुस्त दुरुस्त हैं. उनके घर हम लगभग दो घंटे रहे और बातचीत का सिलसिला हमने नहीं, उन्होने ही तय किया. पूरे दौरान वे ही वक्ता थे. हम श्रोता और वह भी मंत्र मुग्ध श्रोता.

उनके बचपन के भारत (पूर्वांचल) से लेकर इलाहाबाद विश्वविद्यालय के शिखर के दिनों से घूमते हुए वर्तमान पर भी टिप्पणियां – सब कुछ संजोने वाला था.

फिराक गोरखपुरी के विषय में तो विशेष चर्चा हुयी और उनके माध्यम से उस समय की अनेक महान शख्सियतों का भी जिक्र हुआ. जिक्र ऐसा था मानो वह समय हम खुद जी रहे हों.

उनसे मिलने का सौभाग्य यूँ मिला – उनकी बेटी गौरी सक्सेना मेरी रेलवे यातायात सेवा की मित्र हैं. हम दोनों सूबेदारगंज के उत्तर मध्य रेलवे में यातायात विभाग के दो महत्वपूर्ण अंगों का शीर्ष नेतृत्व भी संभाल चुके हैं. हम दोनों के कॉमन मित्र हैं आशा लाल और उनके पति रमेश कुमार जी. अर्से बाद हम लोगों ने मिलने की सोची तो रमेश जी ने सिविल लाइंस के कॉफी हाउस का सुझाव रखा. पर गौरी के यह कहने पर कि उनके घर ही मिला जाए; सिविल लाइंस, इलाहाबाद स्थित उनके घर पर मिलना तय हुआ. वहां मिले तो हमारी मित्रमण्डली की बैठक गौण हो गयी. हम लोग गौरी के पिता हेमेन्द्र जी के संस्मरण सुनने में ही जुटे रहे.

हेमेन्द्र जी ने अपने संस्मरण टुकड़ा टुकड़ा लिखे हैं – पत्र पत्रिकाओं में भी उनके लेखन हैं. एक लगभग 14 पन्ने के हस्त लिखित दस्तावेज की फोटो कॉपी मेरे पास भी है. कभी बैठ कर उसका हिन्दी अनुवाद कर उनकी अनुमति से ब्लॉग पर प्रस्तुत करूंगा.

हेमेन्द्र जी के हमें घर के बाहर लिफ्ट तक छोड़ने भी आए और हमारी लिफ्ट रवाना होने तक गौरी के साथ खड़े भी रहे. एक नब्बे पार सीनियर सिटीजन से इतने स्नेह, सम्मान की अपेक्षा कभी नहीं की थी मैंने. कितना सौभाग्य था मेरा!

उनके कहे को थोड़ा बहुत मैंने अपनी छोटी नोटबुक में दर्ज किया है. उसे जल्दी ही लिपिबद्ध करने का प्रयास करूंगा.

आशा है भविष्य में भी उनसे मुलाकातें होती रहेंगी.


Published by Gyan Dutt Pandey

Exploring rural India with a curious lens and a calm heart. Once managed Indian Railways operations — now I study the rhythm of a village by the Ganges. Reverse-migrated to Vikrampur (Katka), Bhadohi, Uttar Pradesh. Writing at - gyandutt.com — reflections from a life “Beyond Seventy”. FB / Instagram / X : @gyandutt | FB Page : @gyanfb

7 thoughts on “हेमेन्द्र सक्सेना, रिटायर्ड अंग्रेजी प्रोफेसर, उम्र 91, फेसबुक पर सक्रिय माइक्रोब्लॉगर : मुलाकात

  1. बहुत खूब आपकी लेखनी में वह खुशी जाहिर हो रही है और कुछ ऐसा प्रतीत हो रहा है जैसे किसी को मोती मिला हो और वह चुपके से हाथ में दबा के निकलने की फिराक में हो ऐसा कतई ना करिएगा सर निवेदन है की इस चर्चा को साक्षात्कार के रूप में साझा करें ताकि ज्ञान का प्रसार हो मुझे विशेष तौर पर फिराक गोरखपुरी जी के बारे में लाइव प्रसारण सुनने का इंतजार रहेगा

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