उनकी गांव में मकान बनाने की सोच बन रही है। बसेंगे भी?


अगर ईमानदारी से कहा जाये तो हर व्यक्ति, जो गांव में रीवर्स माइग्रेट होने की सोचता है, उसे कुछ न कुछ मात्रा में नीलकण्ठ बनना ही होता है। पर मैं अगर गांव में आने के नफा-नुक्सान का अपनी प्रवृत्ति के अनुसार आकलन करता हूं; तो अपने निर्णय को सही पाता हूं।

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