महेंद्र दुबे जी और मल्टी लेवल मार्केटिंग

महेंद्र दुबे जी महराजगंज कस्बे के पास के गांव के निवासी हैं। वे प्रांतीय सेवा के अधिकारी थे। पिछली एक-दो साल पहले सेवा निवृत्त हुये हैं – डिप्यूटी डायरेक्टर, पंचायती राज, के पद से। पढ़ाई शुरू करते समय उम्र कुछ ज्यादा लिखा दी गयी थी, अन्यथा उनके साथ के अभी भी प्रांतीय सेवा में सेवारत हैं और एक दो कमिश्नर भी हैं।

महेंद्र दुबे (दायें) और दिलीप चौरसिया

महेंद्र जी कल मिलने आये। बीच में सम्पर्क सूत्र बने दिलीप चौरसिया जी। उनके साथ उनका बेटा भी था, अंकुर यशराज। अंकुर का घर का नाम सर्वेश कुमार दुबे है। पिता उसे आई.ए.एस. बनाना चाहते थे और वह फिल्म में जाना चाहता था। जैसा महेंद्र जी ने बताया; बेटा-पिता में कशमकश चली। अंतत: महेंद्र जी की पत्नी ने कहा कि बेटे की इच्छा का सम्मान किया जाये। फिर अंकुर ने फिल्म टेक्नॉलॉजी का ग्रेजुयेशन किया। आजकल वह फिल्मों का प्रोडक्शन कर रहा है। नौजवान है, अपने अनुसार चल रहा है। फिल्म के संसार की गहराई में डूब, उतरा रहा होगा; पर वह प्रसन्न है। पिता भी उससे खुश ही नजर आ रहे थे। शायद अभी भी मानते हों कि सिविल सर्विस का जलवा कुछ और ही है; पर अपनी जिद को मुलायम कर ही लिया है उन्होने।

महेंद्र दुबे (बायें) और अंकुर यशराज

महेंद्र जी साहित्यकार हैं। उन्होने अपना फेसबुक प्रोफाइल बताया। यह भी बताया कि कविता/गजल की कई विधाओं में वे दखल रखते हैं। छोटी बड़ी अनेक कवितायें उन्होने लिखी हैं। संस्कृत में भी लिखने का यत्न किया है।

महेंद्र जी का कविता लिखने का ही ‘व्यसन’ है। पर शायद रिटायरमेण्ट के बाद लेखन की मोनोटोनी से वे ऊब कर कुछ नया आजमाना चाहते थे। किसी ने उन्हे मोदीकेयर की मल्टी-लेवल-मार्केटिंग के बारे में बताया। बताने वाले सज्जन साल भर से उन्हें बताते-समझाते रहे, पर डेढ़ दो महीना ही हुआ जब महेंद्र जी इस ‘व्यवसाय’ में उतरे।

महेंद्र जी ने मोदीकेयर उत्पादों की गुणवत्ता हमें प्रयोगों के माध्यम से समझाई

वे मोदीकेयर के एमएलएम किट के साथ आये थे। उन्होने मेरी पत्नीजी और मुझे मोदीकेयर कई उत्पादों के बारे में अन्य ब्राण्डों के उत्पादों की तुलना में प्रयोगों द्वारा समझाने का (लगभग) सफल प्रयास किया कि मोदीकेयर के उत्पाद उत्तमोत्तम हैं।

मेरे ह्वाट्सएप्प सम्पर्क में करीब दो-तीन सौ सीनियर सिटिजंस हैं जो मुख्यत: रेल सेवा से निवृत्त हुये हैं। उन्हें निरंतर अपने रेल सेवा में अपने योगदान या आजकल की राजनीति पर ठेलते पाया है। बहुत कम ही हैं जो उससे अलग कुछ कर या लिख रहे हैं। ऐसे में महेंद्र जी द्वारा पूरी गम्भीरता से एक नये फील्ड से जुड़ना और उसके विषय में प्रभावी सम्प्रेषण करना, एक अच्छा अनुभव था मेरे लिये। मैं एमएलएल व्यवसाय की उपयुक्तता से सहमत हूं या नहीं, वह अलग मुद्दा है। पर महेंद्र जी की कुछ नया करने की जीवंतता बहुत प्रभावित कर गयी।

सेवानिवृत्त होने के बाद मुझे अपनी साइकिल, अपना घूमना, ब्लॉग और पुस्तक पठन बहुत रुच रहा है। किसी व्यवसाय में जुतने का कत्तई मन नहीं है। पर मेरी पत्नीजी ने महेंद्र जी को ध्यान से सुना (ध्यान से तो मैंने भी सुना)। वे शायद आगे मन बनायें। हो सकता है एमएलएम का अंग बनने की बजाय मोदीकेयर के उत्पाद ही प्रयोग करने लगें।

इण्टरनेट पर सर्च करने पर मोदीकेयर के बारे में कोई खास जानकारी नहीं मिलती। कम्पनी लिस्टेड नहीं है। एक साइट उसकी बैलेंस-शीट बताने के लिये सबस्क्रिप्शन की मांग कर रही है। पता नहीं वह भी सही सूचना देगी या नहीं। एक जगह यह है कि कम्पनी का 500 करोड़ का वार्षिक रिवेन्यू टर्नओवर है। इस हिसाब से तो औसत कंसल्टेण्ट मात्र उपभोक्ता है और वह भी बहुत धुंआधार उपभोक्ता नहीं। पर नेट पर बिखरे ये आंकड़े बहुत सही हैं; नहीं कहा जा सकता।

मोदीकेयर उत्पादों के महेंद्र दुबे जी द्वारा किये प्रयोग

खैर, महेंद्र जी और उनके लड़के से मुलाकात अच्छी रही। उनका बेटा शायद मुझे भविष्य में वीडियो बनाने या पॉडकास्ट कर सकने के गुर सिखाये। अंकुर अगर वह सहायता करते हैं तो मैं ब्लॉगर से पॉडकास्टर या व्लॉगर में रूपांतरित हो सकूं।

सुना है, लोग यू-ट्यूब पर अच्छे पैसे बना लेते हैं। आज तक ब्लॉगिंग से एक चवन्नी नहीं बनी; किताब लिखने का मूड ही नहीं बना पर शायद यूट्यूब मुझे करोड़पति बना दे। सपने देखने का युग है। वानप्रस्थ का आदमी भी सपने क्यों न देखे! :lol:


Published by Gyan Dutt Pandey

Exploring rural India with a curious lens and a calm heart. Once managed Indian Railways operations — now I study the rhythm of a village by the Ganges. Reverse-migrated to Vikrampur (Katka), Bhadohi, Uttar Pradesh. Writing at - gyandutt.com — reflections from a life “Beyond Seventy”. FB / Instagram / X : @gyandutt | FB Page : @gyanfb

4 thoughts on “महेंद्र दुबे जी और मल्टी लेवल मार्केटिंग

  1. मेरे फ्लैट के सामने रहने वाली एक दादी है वह टीचर के पद से रिटायर हुई है ,अकेले घर पर उनका टाइम नही कट रहा था ,तो समय बिताने के लिए मोदी केयर से जुड़ी है ,मुझे दो तीन से घेर रही है मोदी केयर में जोड़ने के लिए बोल रही जुड़ जाओ फलाने ने दो महीने में कार ले लिया, उसने ये ले लिया यही सब ,फ्री में एक टूथपेस्ट भी दिया है प्रयोग करने के लिए ,दादी मोदी केयर में जोड़ने के लिए पूरा जुगत लगा रही है ,मैने इसके बारे काफी खोजबीन किया तो बहुत ज्यादा विश्वासी नहीं पाया इसे यह गाजियाबाद के मोदीनगर के मोदी बंधुओ की कंपनी है जिनकी चीनी मिल भी चलती है ,मैं तो यही कहूंगा यदि समान प्रयोग करने पर ठीक लगते है वैसे ही लेना चाहिए कहां आप किसी को समझाते फिरेगें मोदी केयर ,एक तो वैसे भी आजकल बहुत से लोग मोदी का नाम सुन के भड़क जाते है 😂

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  2. मोदीकेयर को समझने के लिए अगर जानकारी न मिल पा रही हो तो आप मल्टी लेवल मार्केटिंग (MLM) के बारे में जानकारी ढूंढने की कोशिश करे। लगभग सारे MLM एक तरह के स्कैम /फ्रॉड ही होते है। पहले आपको बड़े बड़े सपने दिखाएंगे की आपकी कमाई बहुत ज्यादा हो जाएगी पर गणितीय तौर पर ये संभव नही होता क्योंकि विश्व भर में लोगों की संख्या सीमित है। ऊपर से परिवार दोस्तों को मेंबर बनाने के चक्कर मे आत्मसम्मान भी जाता है। बहुत पहले MLM में सीधे पैसे लेकर मेंबर बनते थे पिरामिड स्कीम के जरिये। बाद में फ्रॉड पता चलने के कारण सरकार ने इसे गैरकानूनी कर दिया तो कुछ कंपनियों ने पैसे के बदले इसमे काफी तरह के सामान जोड़ कर इसे legitimise कर लिया। आम तौर पर इनके प्रोडक्ट्स बाजार से थोड़े महँगे होते है जिससे कि इनका कमीशन निकल सके। अगर आपको मोदीकेयर के कुछ सामान अच्छी क्वालिटी के लगे और बाजार भाव के अनुरूप वाजिब दाम में मिल रहे हो तो खुद के इस्तेमाल के लिए लेने में कोई बुराई नही है। पर दूसरे लोगों को अपने द्वारा इसमे जोड़ने पर ठीक से MLM के बारे में सारी जानकारी लेने के बाद पूरी तरह से विचार कर लें।

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