दौलतपुर के जंगल का भ्रमण


मसलन वन अधिकारी भी जंगल के वृक्षों में 5-10 को पहचानते हैं। यह तो वैसा ही हुआ कि घरनी को घर की चिंता ही नहीं है। महिला अपने एक दो बच्चों को नाम ले कर बुलाये और बाकी को सतकटा कह कर निपटा दे तो उस परिवार का भगवान ही मालिक।

प्रणाम; आपका स्वागत नहीं है!


यह ऊबड़खाबड़ सड़क; यह सवेरे सवेरे “गुडनाइट सर” का जोर से जयकारा लगाते भगवान दास का हंसता मुस्कराता चेहरा; सड़क किनारे निपटती बच्ची का अभिवदन करना – “बब्बा पालागी”; का आनंद लो। कहां इन बभनों के फेर में अपनी मानसिक शांति बरबाद करते हो!

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