चार जनवरी की सुबह और कोहरा


कोहरा मेरा प्रिय विषय है। जब रेल का अफसर था तो बहुत भय लगता था कोहरे से। बहुत सारी दुर्घटनायें और ट्रेन परिचालन के बहुत से सिरदर्द कोहरे के नाम हैं। पर रेल सेवा से मुक्त होने पर कोहरे का रोमांच बहुत लुभाता है।

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