सर्दी में पक्षी

गुलाब, मेरा ड्राइवर एक छोटी सी मुनिया लिये था। निर्जीव। बताया कि सवेरे सवेरे मौलिश्री के पेड़ के नीचे पाई थी। पहले उसने सोचा कि शायद सर्दी में बेहोश है, पर पता चला कि कोई भी प्रतिक्रिया नहीं है उसमें। किसी और जीव के आक्रमण का भी कोई चिन्ह नहीं था। रात में ठण्ड में पेड़ पर बैठे बैठे मर गयी होगी और नीचे गिर गयी होगी। जितनी छोटी मुनिया दिखती है, उससे कुछ आकार बड़ा था। शायद सर्दी से बचने के लिये उसने अपने पंख फुलाये भी होंगे, जिससे गर्माहट मिले, पर जीवन खत्म होना था, हो गया।

रात का तापक्रम छ डिग्री के आसपास था। छ डिग्री में छोटी चिड़िया का मर जाना; दु:ख हुआ। घर के पोर्टिको में चिड़ियों के लिये कुछ स्थान बने हैं। उनपर कबूतर और गिलहरी कब्जा जमाते हैं। मुनिया वैसे भी पास आती नहीं दिखती। उसके घोंसले भी छोटे और घने पेड़ों पर देखे हैं मैंने।

आदमी के लिये सरकार रैन बसेरा बनाती है। इन जीवों के लिये भी रैन बसेरा होता है?

राजकुमार ह्वाट्सएप्प पर अपने यहां (शिकागो के सबर्ब – औरोरा) का तापक्रम का स्क्रीन शॉट भेजते हैं। माइनस उन्नीस डिग्री और फिर छब्बीस जनवरी को माइनस छब्बीस डिग्री। राजकुमार घर के सामने लॉन में बर्फ में दाना चुगते पक्षियों के चित्र और वीडियो भी भेजते हैं। इतने कम तापक्रम में भी पक्षी आ रहे हैं और दाना चुग रहे हैं? उन्होने अपने शरीर को ढाल लिया है अपने वातावरण के हिसाब से।

वे लॉन में बर्फ में दाना चुगते पक्षियों के चित्र और वीडियो भी भेजते हैं। इतने कम तापक्रम में भी पक्षी आ रहे हैं और दाना चुग रहे हैं? उन्होने अपने शरीर को ढाल लिया है अपने वातावरण के हिसाब से।

मेरे मन में कई सवाल उभरते हैं। अमेरिका तो सम्पन्न देश है। वहां जीवजंतुओं के लिये कोई रैन बसेरे होते हैं। कितने? और राजकुमार बार बार अपने लॉन में पक्षियों को दाना डालने के सिस्टम के चित्र भेजते हैं उसका प्रबंधन कैसे होता है। सरकार करती है, लोकल कम्यूनिटी करती है या राजकुमार का व्यक्तिगत प्रयास है? मैंने राजकुमार उपाध्याय से प्रश्न किये और यह भी कहा कि उत्तर विस्तार से दें। अगर लम्बा उत्तर लिखने में दिक्कत हो तो वॉइस मैसेज भेज देंं।

राजकुमार तथा उनकी पत्नीजी

वह उन्होने किया। और जो कुछ बताया उससे राजकुमार तथा उनकी पत्नीजी के प्रति मेरा आदर भाव बढ़ गया। उनके वॉइस मैसेज के आधार पर विवरणात्मक पोस्ट तो मैं आगे लिखूंगा; फिलहाल यही बता रहा हूं कि औरोरा के अपने रिहायश के -19 या -26 डिग्री तापक्रम में वे पक्षियों, खरगोशों और गिलहरियों के लिये जो करते हैं; वह शानदार है!

राजकुमार दम्पति की जय हो!


Published by Gyan Dutt Pandey

Exploring rural India with a curious lens and a calm heart. Once managed Indian Railways operations — now I study the rhythm of a village by the Ganges. Reverse-migrated to Vikrampur (Katka), Bhadohi, Uttar Pradesh. Writing at - gyandutt.com — reflections from a life “Beyond Seventy”. FB / Instagram / X : @gyandutt | FB Page : @gyanfb

2 thoughts on “सर्दी में पक्षी

  1. यह सब सेवा एक तरह से ईश्वर आपको अवसर के रूप में देता है,उसके लिये ईश्वर का कोटिशः धन्यवाद।इसको इतने अच्छे से प्रस्तुत करने और आपके मन में सम्मान पाने के लिये बहुत बहुत आभार। 🙏🙏

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