सवेरे जल्दी निकलना बहुत फायदेमंद है भईया। अब गर्मी हो गयी है। दिन में सड़क तपने लगती है तो चलने में मुश्किल होती है। सवेरे सवेरे खूब चला जा रहा है। अब आगे यही करूंगा। सवेरे चल कर दिन में आराम और फिर शाम को चलना हुआ करेगा।
Author Archives: Gyan Dutt Pandey
टोला डुमरी से देवघर
प्रेमसागर ने अपने पास मौजूद चिवड़ा और चीनी उस वृद्ध को दिया। साथ में रोती उसकी पोती को दस रुपये बिस्कुट लेने को दिये। अपने पास से एक प्लास्टिक की बोतल में उसे पानी भी दिया। चिवड़ा-चीनी-पानी का भोजन पा कर वृद्ध ने आशीर्वाद दिया – आगे तुम्हारी यात्रा सकुशल और सफल होगी।
नेवादा – सिकंदरा – टोला डुमरी
गया के आसपास की धरती शापित है। प्रेमसागर यह बार बार कहते हैं। नदियों में पानी नहीं है। पर शाप का असर बहुत धीरे धीरे कम हो रहा है। लोग कहते हैं कि बीस कोस तक शाप था सीता माई का। पर उससे ज्यादा दीखता है।
दिनेश पगला
ऐसे चरित्र रोज रोज नहीं मिलते। पहले मुझे लगा कि वह कुछ मानसिक रूप से सरका हुआ है। पर उसने बताया कि गांव के आसपास के भगत लोगों के साथ उत्तराखण्ड, झारखण्ड, गया आदि कई जगहों पर पैदल यात्रा कर चुका है।
वजीरगंज से नेवादा
दिन में जो भी नदियां दिखीं, सब बड़े पाट वाली और चौड़ी। सब में एक बूंद पानी नहीं। फालगू नदी को तो सीता जी ने शाप दिया था, पर लगता है आसपास की सभी नदियों को वह शाप कस कर लगा है। नदियों में कुशा, कास, सरपत जैसी वनस्पति दीखती है।
गया – मंगला गौरी दर्शन
गया में सही मायने में दया नहीं नजर आई। विंध्याचल में शक्तिपीठ पदयात्री होने के कारण आदर मिला था। माई की चुनरी उढ़ाई गयी थी। उसके उलट गया में यहां उन्हें टके सेर जवाब मिला – रुकने की जगह चाहिये तो पांच हजार का डोनेशन लाओ!