फलाना जी बड़े कुटिल हैं। उनका दिमाग बड़ा पेचीदा है। यानी कि उनके सिर में एक ओर से कील ठोंको तो दूसरी ओर से पेंच बन कर निकलेगी। कोई भी विचार सरल सरल सा नहीं बह सकता उनके मन में। हर बात में एक्यूट एंगल की सोच। और जो सोचता है वह बुद्धिजीवी होता है।Continue reading “जीवन एक उत्सव”
Author Archives: Gyan Dutt Pandey
आदर्शवाद और आदर्श का बाजार
लोग जैसा सोचते हैं वैसा हो तो न जाने कितना बेहतर हो जाये यह समाज, यह देश। अपनी सोच या अपने लेखन में जितना आदर्श दिखाते हैं हम, वह अगर कार्य रूप में परिणत हो रहा हो तो न जाने कितनी तेज तरक्की कर जाये मानवता। भले ही हम धुर समाजवादी, साम्यवादी या पूंजीवादी (या किसीContinue reading “आदर्शवाद और आदर्श का बाजार”
पत्तलों के औषधीय गुण
यह श्री पंकज अवधिया जी की बुधवासरीय अतिथि पोस्ट है – विभिन्न प्रकार की वनस्पतियों के पत्तलों में भोजन करने के लाभ के विषय में। पढ़ने के लिये आप सीधे पोस्ट पर जायें। यदि आप उनके पहले के लेख पढ़ना चाहें तो कृपया पंकज अवधिया वर्ग पर क्लिक करें। कुछ वर्षो पूर्व मैंContinue reading “पत्तलों के औषधीय गुण”
