हम सोचते हैं कि ग्रामीण परिवेश से शहर में पलायन करने पर संयुक्त परिवार टूट जाते हैं। निश्चय ही चार-पांच पीढियों वाले कुटुम्ब तो साथ नहीं रह पाते शहर में – जिनमें १०० लोग एक छत के नीचे रहते हों। पर फिर भी परिवार बिल्कुल नाभिकीय (माता-पिता और एक या दो बच्चे) हो गये हों,Continue reading “शहर में भी संयुक्त परिवार बहुत हैं”
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सरकारी मुलाजिम, पे-कमीशन और तनख्वाह की बढ़त
किसी सरकारी दफ्तर में चले जायें – घूम फिर कर चर्चा पे-कमीशन और उससे मिलने वाले बम्पर आय वृद्धि के बारे में चल जायेगी। जरा नीचे के चित्र में देखे कि इकॉनमिस्ट किस प्रकार की आयवृद्धि के कयास लगाता है विभिन्न देशों में सन 2008 में: उल्लेखनीय है कि यह मर्सर (Mercer) की ग्लोबल कम्पंशेसनContinue reading “सरकारी मुलाजिम, पे-कमीशन और तनख्वाह की बढ़त”
टाटा, क्रायोजेनिक तकनीक, हाइड्रोजन ईंधन और मिनी बस
बैठे ठाले मेरे iGoogle पन्ने के गूगल समाचार ने लिंक दिया कि टाटा हाइड्रोजन आर्धरित मिनी बस बनायेगा। अंग्रेजी में सीफी, अर्थ टाइम्स, और टाइम्स ऑफ़ इण्डिया में ये लिंक मिले। बाद में नवभारत टाइम्स में भी यह लिंक हिन्दी में भी मिला। इनसे स्पष्ट होता है कि इसरो के साथ काम करते हुये टाटाContinue reading “टाटा, क्रायोजेनिक तकनीक, हाइड्रोजन ईंधन और मिनी बस”
