मेरी दोषारोपण तालिका मेरी जिन्दगी में क्या गड़बड़ है? और उस गड़बड़ के लिये दोषी कौन है? मेरा १५ किलो अतिरिक्त वजन मेरी अनुवांशिकता। हाइपोथायराइडिज्म की बीमारी। घर के पास घूमने को अच्छे स्थान की कमी। गोलू पाण्डेय का असामयिक निधन (उसे घुमाने ले जाने के बहाने घूमना पड़ता था)। मेरे दफ्तर के काम काContinue reading “मेरी दोषारोपण तालिका”
Category Archives: आत्मविकास
हैं कहीं बोधिसत्व!
काशी तो शाश्वत है। वह काशी का राजा नहीं रहा होगा। वरुणा के उस पार तब जंगल रहे होंगे। उसके आसपास ही छोटा-मोटा राजा रहा होगा वह। बहुत काम नहीं था उस राजा के पास। हर रोज सैनिकों के साथ आखेट को जाता था। जंगल में हिंसक पशु नहीं थे। सो हिरण बहुत थे। वहContinue reading “हैं कहीं बोधिसत्व!”
पूर्वाग्रह, जड़ता और मौज की बाईपास
अनूप शुक्ल का कहना है कि हमें मौज लेना नहीं आता। यह बात बहुत समय से मन में खटक रही है। बात तो सही है। पर अपनी समस्या क्या है? समस्या पता हो तो निदान हो। जिन्दगी को लेकर क्यों है इतनी रिजिडिटी (जड़ता)? क्यों हैं इतने पूर्वाग्रह (prejudices)? यह हमारे साथ ही ज्यादा हैContinue reading “पूर्वाग्रह, जड़ता और मौज की बाईपास”
