हर रोज हम लोग लिख रहे हैं। हिन्दी लिखने की मूलभूत समस्या और जद्दोजहद के बावजूद हम लोग लिख रहे हैं। रोज लिखते हैं, छाप देते हैं। मुझे विश्वास है कि अपनी पोस्ट बरम्बार निहारते भी होंगे। और शायद अपनी पोस्ट जितनी बार खोलते हैं, वह औरों की पोस्टें खोलने-पढ़ने से कम नहीं होगा। पोस्टContinue reading “संतृप्त, मुदित और असंवेदनशील है भारतीय मध्यवर्ग”
Category Archives: आस-पास
मुंसीपाल्टी का सांड़
उस दिन दफ्तर से वापस लौटते समय मेरा वाहन अचानक झटके से रुका। मैं किन्ही विचारों में डूबा था। अत: झटका जोर से लगा। मेरा ब्रीफकेस सरक कर सीट से गिरने को हो गया। देखा तो पता चला कि एक सांड़ सड़क क्रॉस करते करते अचानक बीच में खड़ा हो गया था। वाहन उससे टकरातेContinue reading “मुंसीपाल्टी का सांड़”
और यह है एक रीयल बिजनेस
कल मैं नारायणी आश्रम में लौकी का जूस बेचने की बिजनेस अपॉर्चुनिटी की बात कर रहा था। पर रीडर्स डाइजेस्ट के एक फिलर में तो एक बढ़िया बिजनेस विवरण मिला। एक दिल्ली के व्यवसायी, केप्टन बहादुर चन्द गुप्ता, लोगों को हवाई यात्रा का अनुभव कराने का काम कर रहे है – केवल 150 रुपये में।Continue reading “और यह है एक रीयल बिजनेस”
