<<< नीलगाय >>> गंगा किनारे का इलाका नीलगाय के कारण बंजर होता जा रहा है। यह एक ऐसा कथ्य है, जो ऑफ्ट-रिपीटेड है और इसमें कोई मौलिकता बची नहीं। कोई ऐसी सक्सेस स्टोरी भी नहीं सुनने में आई कि, एक पाइलट प्रॉजेक्ट के रूप में ही सही, नीलगाय आतंक का कोई तोड़ निकल पाया हो।Continue reading “नीलगाय”
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गूलर
>>> गूलर <<< गूलर एक अजीबोगरीब वृक्ष है। रामचरित मानस के लंका कांड में अंगद-रावण संवाद में, रावण पर तंज कसते गूलर का संदर्भ दे कर अंगद बोलते हैं – गूलर फल समान तव लंका, मध्य बसहु तुम जीव असंका। अर्थात लंका गूलर के फल जैसी है जिसमें तुम और अन्य राक्षस अज्ञानी कीट कीContinue reading “गूलर”
“गंगा का पानी निर्मल है, पीने का मन करेगा”
मुझसे बात करने के लिये कमलेश बोले – “गुरूजी, आप तो बुद्धिमान हैं। आप तो जानते होंगे कि क्या रात बारह बजे गंगाजी एक बारगी बहना बंद कर थम जाती हैं?”
