फाफामऊ पुल से गुजरते हुये


मुझे आजकल फाफामऊ पुल से गुजरना पड़ रहा है। मेरी मां के कूल्हे की हड्डी टूट गयी है और उन्हे भर्ती कराया है फाफामऊ के एक अस्पताल में। उनका ऑपरेशन होना है, पर वे रक्त को पतला करने की दवाई लेती थीं, वह रोक कर उनके रक्त में थक्का बनने की पर्याप्त सम्भावनायें बनाई जाContinue reading “फाफामऊ पुल से गुजरते हुये”

मछुआरा


वह तेजी से गंगा किनारे चलता जा रहा था। एक हाथ में मछली पकड़ने की बन्सी (डण्डी) लिये और दूसरे हाथ में तितली पकड़ने वाला जाल। गेरुये रंग की टी-शर्ट पहने और नीचे गमछा लपेटे था। उग रहे सूर्य के सामने वह आस पास के वातावरण में विशिष्ट लग रहा था। मैं अपनी सवेरे कीContinue reading “मछुआरा”

बाभन (आधुनिक ऋषि) और मल्लाह का क्लासिक संवाद


आज सवेरे शिवकुटी घाट पर गंगा जी का रह चह लेने मैं सपत्नीक पंहुचा। नदी आज और बढ़ आयी थी। सन २००२ के स्तर के कहीं ज्यादा पार। कल सवेरे की अपेक्षा लगभग डेढ़ हाथ और ऊपर हो गया था गंगाजी का जल। शिवकुटी की कई गलियों में पानी भरने लगा था। मेरे अन्दाज सेContinue reading “बाभन (आधुनिक ऋषि) और मल्लाह का क्लासिक संवाद”

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