अचिन्त्य लाहिड़ी ने मुझे बताया था बंगाली लोगों के विगत शताब्दियों में गोरखपुर आने के बारे में। उन्होने यह भी कहा था कि इस विषय में बेहतर जानकारी उनके पिताजी श्री प्रतुल कुमार लाहिड़ी दे सकते हैं। श्री लाहिड़ी से मुलाकात मेरे आलस्य के कारण टलती रही। पर अन्तत: मैने तय किया कि सन् 2014Continue reading “गोरखपुर में बंगाली – श्री प्रतुल कुमार लाहिड़ी से मुलाकात”
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कृष्णनगर को छू कर आना
उत्तरप्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले में है बढ़नी बाजार। यहां नगरपालिका है। बारह-पन्द्रह हजार के आसपास होगी आबादी। सन 2001 की जनगणना अनुसार 12 हजार। रेलवे स्टेशन है। गोरखपुर-बढ़नी-गोंडा लाइन पहले मीटरगेज की थी; अब गोरखपुर से बढ़नी तक यह ब्रॉडगेज बन चुकी है और अगले मार्च तक गोंडा तक हो जायेगी। बढ़नी के आगे 100-200Continue reading “कृष्णनगर को छू कर आना”
स्वच्छ भारत – केले के छिलके और बकरी
स्टेशन था शोहरतगढ़। जगदम्बिका पाल जी दुनियां जहान की रेल सुविधायें मांग रहे थे प्लेटफार्म के एक कोने में। सुनने वाले थे श्री मनोज सिन्हा, रेल राज्य मंत्री। हम लोग – पूर्वोत्तर रेलवे के विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, जो उनके साथ विशेष गाड़ी में यात्रा कर रहे थे, पाल जी की डेमॉगागरी निस्पृह भाव सेContinue reading “स्वच्छ भारत – केले के छिलके और बकरी”
