जरई


आज कजरी तीज है। भादौं मास के कृष्ण पक्ष की तीज। आज के दिन बहनें अपने भाई को सिर और कान पर जरई बाँधती हैं। नागपंचमी के दिन वे गांव के तालाब या नदी से मिट्टी ले कर आती हैं। उसको बिछा कर उसपर जौ छींटती हैं। रोज जौ को पानी दिया जाता है जोContinue reading “जरई”

कचरा उठता नहीं!


सन 1985 में जब मैने रेलवे की नौकरी में पहली पोस्टिंग रतलाम में ज्वाइन की थी तो वहां मण्डल रेल प्रबन्धक कार्यलय के पास दो-बत्ती इलके में सवेरे 25-30 सफाई कर्मी झाडू लगा कर पानी का छिडकाव किया करते थे। कालांतर में यह व्यवस्था बन्द हो गयी। लगभग 15 साल वहां (दो चरणों में) रहनेContinue reading “कचरा उठता नहीं!”

मन्दाकिनी नदी पर रोप-वे : अपडेट


शैलेश पाण्डेय ने मंदाकिनी नदी पर फाटा-रेलगांव के पास उत्तराखण्ड की त्रासदी के बाद एक रोप-वे का निर्माण किया था। उस समय यह मेक-शिफ्ट तरीके से बन पाया था। यद्यपि उसपर व्यक्ति आ जा सकते थे, पर एहतियाद के लिये उसका प्रयोग मात्र रिलीफ का सामान नदी पार कराने के लिये किया गया। या जुलाईContinue reading “मन्दाकिनी नदी पर रोप-वे : अपडेट”

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