मेरे भाई लोग


आज सवेरे अचानक मेरे तीन भाई (मेरी पत्नी जी के भाई) घर पर आये। वे लोग भदोही से लखनऊ जा रहे थे। रास्ते में यहां पड़ाव पर एक घण्टा रुक गये। इनमें से सबसे बड़े धीरेन्द्र कुमार दुबे बेंगळूरु में प्रबन्धन की एक संस्था से जुड़े हैं। उनसे छोटे शैलेन्द्र दुबे प्रधान हैं। पिछला विधानसभाContinue reading “मेरे भाई लोग”

मछुआरा


वह तेजी से गंगा किनारे चलता जा रहा था। एक हाथ में मछली पकड़ने की बन्सी (डण्डी) लिये और दूसरे हाथ में तितली पकड़ने वाला जाल। गेरुये रंग की टी-शर्ट पहने और नीचे गमछा लपेटे था। उग रहे सूर्य के सामने वह आस पास के वातावरण में विशिष्ट लग रहा था। मैं अपनी सवेरे कीContinue reading “मछुआरा”

हिन्दू धर्म की फूहड़ श्रद्धा


नवरात्रि के बाद यहां इलाहाबाद में संगम पर मूर्ति विसर्जन में रोक थी। काफी असमंजस का माहौल था। अन्तत: शायद विसर्जन हुआ। हमारे धर्मावलम्बी मुसलमानों को दकियानूसी होने, कुराअन और हदीज़ का भाव वर्तमान समाज के परिप्रेक्ष्य में न लेने आदि के आक्षेप लगाने में नहीं चूकते। पर अपने धर्म में भी बदलते समय केContinue reading “हिन्दू धर्म की फूहड़ श्रद्धा”

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