मुद्राष्टाध्यायी नामक ग्रंथ रचने की गुहार


शिव कुमार मिश्र ने एसएमएस कर नये पर सशक्त शब्द – मुद्राभिषेक से परिचय कराया है. रुद्राष्टाध्यायी के आधार पर रुद्राभिषेक किया जाता है. भगवान शिव का शुक्लयजुर्वेदीय पूजन है यह. पर मुद्राभिषेक क्या है? उन्होने लिखा है कि अमुक सज्जन थे. हर वर्ष रुद्राभिषेक कराते थे श्रावण मास में. एक बार यह अनुष्ठान करनेContinue reading “मुद्राष्टाध्यायी नामक ग्रंथ रचने की गुहार”

ढेरों कैम्प, ढेरों रूहें और बर्बरीक


बर्बरीक फिर मौजूद था. वह नहीं, केवल उसका सिर. सिर एक पहाड़ी पर बैठा सामने के मैदान पर चौकस नजर रखे था. ढेरों रूहों के शरणार्थी कैम्प, ढेरों रूहें/प्रेत/पिशाच, यातना/शोक/नैराश्य/वैराग्य/क्षोभ, मानवता के दमन और इंसानियत की ऊंचाइयों की पराकाष्ठा – सब का स्थान और समय के विस्तार में बहुत बड़ा कैनवास सामने था. हर धर्म-जाति-वर्ग;Continue reading “ढेरों कैम्प, ढेरों रूहें और बर्बरीक”

बहुत अच्छा कहा खालिद मसूद जी!


पाकिस्तान में श्री खालिद मसूद, चेयरमैन, काउंसिल ऑफ इस्लामिक आइडिय़ॉलाजी ने कहा है कि हड़पी जमीन पर बनाये गये मदरसे और मस्जिदें शरीया के खिलाफ़ हैं. वहां की गयी प्रार्थना स्वीकार नहीं की जायेगी. कितने नेक विचार हैं. भारत में हर नुक्कड़-गली में हनुमान जी के मन्दिर, शिवजी की पिण्डी, पीर बाबा की मज़ार सार्वजनिकContinue reading “बहुत अच्छा कहा खालिद मसूद जी!”

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