विष्णु मल्लाह – बैकर मछरी पकड़े बा!


किसान की तरह मल्लाह भी मार्केट की चाल से मात खाता है। यहां यह जरूर था कि तुरत-फुरत उसे रोकड़ा मिल जा रहा था। किसानी में वह भी नहीं होता।

बिखारी समझते हैं मोदी सब समाधान निकालेंगे


“वैसे मोदी बनारस के हैं। उन्हे वोट दिया है। तेज दिमाग नेता हैं। सब समझते हैं। बिखारी को यकीन है कि मोदी जरूर कोई न कोई काम उस जैसे के भले के लिये करेंगे।”

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कसवारू गोंण का मछली मारने का जुनून


75+ साल (देखने में 55-65 के बीच), 35 किमी मॉपेड चला कर बंसीं से मछली पकड़ने के लिये गंगा किनारे आना! और एक दिन नहीं; नित्यप्रति! अत्यन्त विस्मयादिबोधक! केवल तुम ही नहीं हो उलट खोपड़ी के जीव पण्डित ज्ञानदत्त!

#रागदरबारी लाइव; गंगा तट पर मछली खरीद के संवाद


मैं जानता हूं कि पूरे दृष्य में गजब की रागदरबारियत थी। पर मैं श्रीलाल शुक्ल नहीं हूं। अत: उस धाराप्रवाह लेखनी के पासंग में भी नहीं आती मेरा यह ब्लॉग पोस्ट।

नदी, मछली, साधक और भगव्द्गीता


अचिरेण – very soon – में कोई टाइम-फ्रेम नहीं है। वह ज्ञान प्राप्ति एक क्षण में भी हो सकती है और उसमें जन्म जन्मांतर भी लग सकते हैं!

राजेश सरोज – जल्दी ही बम्बई लौट जाऊंगा #गांवकाचिठ्ठा


वह लॉक डाउन के पहले ही गांव आया था, उसके बाद लॉक डाउन हो गया और वापस नहीं जा सका। अब मौका लगते ही फिर वापस जाएगा। वहां का काम राजेश को पसंद है।