द्वारिकापुर – उफनती ही जा रही हैं गंगा


अपनी पैंसठ साल की जिंदगी में बाढ़ें बहुत देख लीं। किसी बाढ़ में फंसा नहीं। पर बाढ़ का कौतूहल और सनसनी हमेशा होती है। अब भी हो रही है।
… जो कुछ सुनने में आ रहा है, वह भयोत्पादक है। गुन्नीलाल जी कहते हैं कि अगियाबीर में लूटाबीर तट की ओर से पानी घुसने की आशंका बन गयी है।

उफान पर हैं गंगा


गंगा के बहाव का वेग दर्शा रहा था कि अभी बाढ़ थमेगी नहीं। पानी बढ़ेगा। कभी कभी तो बहाव आता है। बहाव का, जलराशि का स्वागत!

प्रो. अशोक सिंह – अगियाबीर के पुरातत्व खोजी के संस्मरण


यह सौभाग्य है कि डा. अशोक सिंह अपने संस्मरण सुनाने को राजी हो गये। आज उस कड़ी में पहला पॉडकास्ट है जिसमें वे अगियाबीर की खोज की बात बताते हैं। उनके संस्मरण बहुत रोचक हैं। आप कृपया सुनने का कष्ट करें।

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