फाफामऊ पुल से गुजरते हुये


मुझे आजकल फाफामऊ पुल से गुजरना पड़ रहा है। मेरी मां के कूल्हे की हड्डी टूट गयी है और उन्हे भर्ती कराया है फाफामऊ के एक अस्पताल में। उनका ऑपरेशन होना है, पर वे रक्त को पतला करने की दवाई लेती थीं, वह रोक कर उनके रक्त में थक्का बनने की पर्याप्त सम्भावनायें बनाई जाContinue reading “फाफामऊ पुल से गुजरते हुये”

मछुआरा


वह तेजी से गंगा किनारे चलता जा रहा था। एक हाथ में मछली पकड़ने की बन्सी (डण्डी) लिये और दूसरे हाथ में तितली पकड़ने वाला जाल। गेरुये रंग की टी-शर्ट पहने और नीचे गमछा लपेटे था। उग रहे सूर्य के सामने वह आस पास के वातावरण में विशिष्ट लग रहा था। मैं अपनी सवेरे कीContinue reading “मछुआरा”

हिन्दू धर्म की फूहड़ श्रद्धा


नवरात्रि के बाद यहां इलाहाबाद में संगम पर मूर्ति विसर्जन में रोक थी। काफी असमंजस का माहौल था। अन्तत: शायद विसर्जन हुआ। हमारे धर्मावलम्बी मुसलमानों को दकियानूसी होने, कुराअन और हदीज़ का भाव वर्तमान समाज के परिप्रेक्ष्य में न लेने आदि के आक्षेप लगाने में नहीं चूकते। पर अपने धर्म में भी बदलते समय केContinue reading “हिन्दू धर्म की फूहड़ श्रद्धा”

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